
अनिल गुप्ता
सरल डेस्क
– राहत केंद्रों में 800 लोगों को प्रतिदिन प्रसाद वितरण
– झरौदा कलाँ के एमसीडी स्कूल को बनाया गया वैकल्पिक राहत केंद्र
– प्रभावित लोगों के लिए चिकित्सीय सुविधाएँ भी उपलब्ध
बाहरी दिल्ली के निचले इलाकों में हाल ही में आई बाढ़ ने लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। विशेष रूप से झरौदा कलाँ और गीतांजलि एनक्लेव के करीब 800 निवासियों को अपना घर छोड़कर शरणार्थी केंद्रों में शरण लेनी पड़ी। प्रशासन ने अस्थायी राहत के तौर पर झरौदा कलाँ स्थित एमसीडी स्कूल को राहत केंद्र में बदल दिया है।
इस कठिन समय में इस्कॉन द्वारका ने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया है। मंदिर के भक्त प्रतिदिन राहत केंद्रों में रह रहे 800 लोगों को प्रसाद वितरित कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन का कहना है कि जब तक लोग कैंप में रहेंगे, तब तक उन्हें भोजन सहित अन्य आवश्यक सहायता मिलती रहेगी।
प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है। स्कूल परिसर में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है, जहाँ चिकित्सकों की विशेषज्ञ टीम प्रभावित लोगों का उपचार कर रही है। सिविल डिफेंस दिल्ली की टीम भी राहत कार्यों में सक्रिय रूप से सहयोग दे रही है।

झरौदा कलाँ के निवासियों को राहत प्रदान करने के इस प्रयास को प्रशासन ने भी सराहा है। एसडीएम सम्यक एस जैन और डीएम एम. चैतन्य प्रसाद ने इस्कॉन द्वारका को राहत कार्यों में योगदान के लिए मंजूरी प्रदान करते हुए इसे सामाजिक एवं मानवता की दृष्टि से सराहनीय पहल बताया।