Written by – Sakshi Srivastava
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट के चलते लोगों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जिससे प्रदूषण की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है।
धुंध की घनी चादर ने पूरे शहर को अपने घेरे में ले लिया है, जिससे दिखना भी कम हो गया है। इस समस्या के चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को बाहर निकलने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
वायु प्रदूषण के इस संकट का मुख्य कारण औद्योगिक गतिविधियां, वाहन धुआं और निर्माण कार्य हैं। सरकार द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल स्थिति में सुधार की संभावना कम नजर आ रही है।
दिल्लीवासियों के लिए यह समय सतर्क रहने का है, ताकि वे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सकें। इस वक्त पब्लिक मास्क पहन कर बाहर जाए तो इस धुंध से बच सकती है।
80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन से प्रदूषण पर नियंत्रण
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए 80 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन तैनात की जाएंगी। ये गन विशेष रूप से धूल और अन्य प्रदूषकों को नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
प्रमुख बातें:
- गतिशीलता: ये गन विभिन्न हॉटस्पॉट्स पर तैनात की जा सकेंगी, जिससे प्रदूषण के मुख्य स्रोतों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
- जल स्प्रे तकनीक: एंटी-स्मॉग गन पानी का स्प्रे करके धूल कणों को नीचे लाने में मदद करेंगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
- प्रभावी निवारण: ये गन सड़क निर्माण, उद्योगों, और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों के निकट उपयोग में लायी जाएंगी।
- स्थानीय प्रशासन का सहयोग: इन गनों का सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासन को प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह कदम दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही दीर्घकालिक समाधान के लिए और उपायों की आवश्यकता है।
दिल्ली के हॉटस्पॉट और प्रदूषण के मुख्य स्रोत
- दिल्ली यूनिवर्सिटी और चांदनी चौक: यहाँ वाहनों की भारी भीड़ और औद्योगिक धुएं प्रमुख हैं।
- रोहिणी और नरेला: इन इलाकों में निर्माण गतिविधियाँ और औद्योगिक धुएं प्रदूषण बढ़ाते हैं।
- सहारा अस्पताल क्षेत्र: यहाँ की ट्रैफिक भीषण होती है, जिससे वाहन उत्सर्जन बढ़ता है।
- साउथ दिल्ली (जंगपुरा, महरौली): निर्माण कार्य और सड़क धूल यहाँ प्रदूषण का कारण बनते हैं।
- इंद्रपुरी और पालम: इन क्षेत्रों में कूड़ा जलाना और वाहनों का धुआं प्रदूषण में योगदान देते हैं।
- आनंद विहार और शाहदरा: यहाँ की ट्रैफिक और निकटवर्ती औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाला धुआं हॉटस्पॉट बनाता है।
इन इलाकों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।