Written by– Sakshi Srivastava

स्वर्णमयी अन्नपूर्णा, जो कि देवी दुर्गा का एक रूप हैं, की कृपा पाने के लिए भक्त हर साल बड़ी संख्या में उनके दरबार में आते हैं। इन भक्तों की आस्था और श्रद्धा के चलते, हर कोई उनकी कृपा प्राप्त करना चाहता है। इस साल भी देश भर से भक्तों की कतारें लगी हुई हैं, और उनके दिलों में खजाना पाने की उम्मीद जगमगा रही है। वहीं आपको बता दें स्वर्णमयी अन्नपूर्णा की कृपा पाने के लिए भक्तों का आना जारी है। पांच दिवसीय उत्सव के लिए मंदिर को खूबसूरती से सजाया गया है। श्रद्धालु 24 घंटे पहले से ही बैरिकेडिंग में कतार में लगने लगे हैं, ताकि माता के स्वर्णिम स्वरूप के दर्शन कर सकें। अन्नपूर्णा मंदिर में सभी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं, जिससे भक्तों की आस्था और उत्साह की झलक साफ दिखाई दे रही है।
मां अन्नपूर्णा मंदिर में पंच दिवसीय उत्सव के लिए 16 क्विंटल से अधिक लावा का प्रसाद और छह लाख से ज्यादा सिक्के भक्तों में बांटने के लिए पहुंच चुके हैं। भक्तों की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में स्टील की बैरिकेडिंग भी स्थापित की गई है। इन तैयारियों से उत्सव की रौनक और भी बढ़ गई है, और श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है।
मंदिर परिसर में स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के गर्भगृह में प्रवेश के लिए अस्थायी सीढ़ी लगाई गई है। श्रद्धालु इस सीढ़ी के माध्यम से माता अन्नपूर्णा के दर्शन कर सकेंगे और खजाने का प्रसाद प्राप्त करेंगे। यह व्यवस्था भक्तों को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए की गई है, जिससे वे आसानी से अपनी आस्था को व्यक्त कर सकें।
दोपहर से ही दक्षिण भारत, कोलकाता, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वांचल से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। धनतेरस के अवसर पर 29 अक्तूबर को दर्शन-पूजन के लिए भक्त 24 घंटे पहले से ही बैरिकेडिंग में कतारबद्ध हो रहे हैं। इस उत्सव में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।

उत्सव के तहत 511 क्विंटल अन्नकूट का प्रसाद तैयार किया जा रहा है। यह प्रसाद श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष भेंट होगा, जो मां अन्नपूर्णा की कृपा का प्रतीक है। इस विशाल तैयारी से भक्तों की श्रद्धा और आस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मां अन्नपूर्णा की महिमा
अन्नपूर्णा को खाद्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनका आशीर्वाद पाने से न केवल धन-धान्य की प्रचुरता होती है, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है। भक्त उनसे आशीर्वाद मांगते हैं ताकि उनकी जीवन की कठिनाइयाँ दूर हो सकें।
भक्तों की भीड़
इस बार, अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ और भी बढ़ गई है। लोग दूर-दूर से यात्रा करके आ रहे हैं। उनके चेहरे पर भक्ति और श्रद्धा की चमक साफ दिखाई देती है। कतार में खड़े होकर लोग अपने मन की बात अन्नपूर्णा से कहते हैं और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।
विशेष पूजा और अनुष्ठान
स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान भी आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें मंत्रों का उच्चारण और भोग अर्पित करना शामिल है। भक्त इस पूजा में अपनी श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं, जिससे उनका मनोबल और भी बढ़ता है।
धन की आशा
भक्तों का विश्वास है कि अन्नपूर्णा की कृपा से उनके जीवन में सुख, समृद्धि और धन की वर्षा होगी। इस दौरान, भक्त अपनी सामर्थ्यानुसार दान भी करते हैं, जिससे दूसरों की मदद हो सके और सामूहिक भलाई के लिए काम किया जा सके।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
इस तरह की भक्ति से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भक्तों का एक-दूसरे के प्रति सहयोग और समर्थन बढ़ता है, जिससे समाज में एकता और प्रेम का माहौल बनता है।