Written by– Sakshi Srivastava
धनतेरस, जिसे ‘धन त्रयोदशी’ भी कहा जाता है, दीपावली के पांच दिनों के त्योहारों की शुरुआत का संकेत है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो धन और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं।
धन्वंतरि का महत्व
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं, समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। उनके साथ आभूषण और अमृत भी आया था। इस दिन लोग अपने घरों में नए बर्तन, सोना, चांदी या अन्य कीमती सामान खरीदने का विशेष महत्व मानते हैं। ऐसा मानना है कि इससे घर में धन और समृद्धि आती है।
पूजा विधि
धनतेरस पर सुबह से ही पूजा की तैयारी की जाती है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, दीप जलाते हैं और विशेष रूप से लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। इस दिन लोग अपने पुराने बर्तन को साफ कर नए बर्तन में पानी रखते हैं। इसके बाद, भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक लगाकर पूजा की जाती है।
खरीदारी का महत्व
धनतेरस पर खरीदारी करने का विशेष महत्व है। लोग सोने, चांदी के आभूषण, बर्तन या इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई खरीदारी से धन में वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
धनतेरस केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा और खरीदारी से जीवन में सकारात्मकता आती है। इस दिन अपने परिवार के साथ मिलकर धनतेरस मनाने से न केवल संबंध मजबूत होते हैं, बल्कि यह एक नई शुरुआत का संकेत भी देता है।
आप सभी को सरल न्यूज की तरफ से धनतेरस पर सभी को समृद्धि और खुशियों की शुभकामनाएँ!