Written by – Sakshi Srivastava
यमुना नदी के कालिंदी कुंज क्षेत्र में जहरीले सफेद झागों का अंबार लगा हुआ है। ये झाग न केवल नदी की सुंदरता को बिगाड़ रहे हैं, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन गए हैं।
पिछले कुछ समय से यमुना का प्रदूषण स्तर बेहद ऊँचा हो गया है, जिससे झाग बनने की प्रक्रिया तेज हो गई है। ये झाग मुख्यतः औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू कचरा और मल-जल के कारण उत्पन्न होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये झाग सांस लेने में कठिनाई और त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
सरकार और संबंधित विभागों को इस गंभीर समस्या पर ध्यान देना होगा। अगर जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यमुना नदी का स्वास्थ्य और यहां रहने वाले लोगों का जीवन दोनों को खतरा हो सकता है। सभी से अपील है कि वे यमुना की सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाएं और प्रदूषण कम करने में मदद करें।
दिल्लीवासियों की सांसों पर संकट और बढ़ गया है, क्योंकि यमुना नदी में जहरीले झागों के कारण प्रदूषण का स्तर फिर से ऊंचा हो गया है। कालिंदी कुंज में सफेद झाग पानी पर तैरते हुए दिखाई दे रहे हैं। दिवाली के बाद, अब छठ पर्व की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही है, जो इस स्थिति को और भी चुनौतीपूर्ण बना रहा है। ऐसे में लोगों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सावधान रहने की जरूरत है।
बीते सप्ताह कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीले झागों के तैरने के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर तीखा हमला किया। आप नेता सत्येंद्र जैन ने स्पष्ट किया कि यमुना में बहने वाला औद्योगिक कचरा दिल्ली से नहीं आता है और राष्ट्रीय राजधानी में कोई जल प्रदूषणकारी उद्योग नहीं हैं। उनका कहना था कि यह कचरा मुख्यतः हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आता है, जो यमुना के प्रदूषण में योगदान दे रहा है।
सत्येंद्र जैन ने स्पष्ट किया कि यमुना में बहने वाला औद्योगिक कचरा विभिन्न स्रोतों से आता है। उन्होंने बताया कि यह कचरा बादशाहपुर नाले से नजफगढ़ नाले में, जो गुरुग्राम की तरफ से आता है, और सोनीपत से नरेला की ओर भी पहुंचता है। इसके अलावा, शाहदरा नाले के माध्यम से उत्तर प्रदेश से भी कचरा यमुना में मिलता है।
उन्होंने यह भी बताया कि कालिंदी कुंज के पास यूपी जल निगम द्वारा स्थापित एक बैराज है, जिसमें 12 गेट हैं। यदि सभी गेट खोले जाएं, तो झाग का जमाव कम हो सकता है, लेकिन आमतौर पर केवल 2-3 गेट ही खोले जाते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ती है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा केवल दिखावा करने में लगी हुई है, जबकि वास्तविक समाधान की तलाश नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा एक प्रदूषण फैलाने वाली पार्टी है, जो मानती है कि केवल नाटक करने से प्रदूषण का समाधान संभव है। राय ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का मानना है कि सभी सरकारों और पार्टियों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए।