Written by– Sakshi Srivastava
उत्तर प्रदेश में वकीलों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। इस दौरान जिला बार एसोसिएशन के मुख्य गेट को धरना स्थल में बदल दिया गया है। वकील अपनी समस्याओं को लेकर एकजुट होकर गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने गेटों को बंद कर दिया है, जिससे उनके आंदोलन की गंभीरता को समझा जा सके।
यूपी बार की जांच समिति सोमवार को गाजियाबाद आएगी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) न्यायालय में लाठीचार्ज के विरोध में जिला जज के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करने की योजना बना रहा है। यह कदम न्यायालय की कार्रवाई के प्रति नाराजगी को दर्शाता है।
गाजियाबाद समेत पूरे प्रदेश के वकील अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिला बार एसोसिएशन का मुख्य गेट धरना स्थल बन चुका है, और कोर्ट की तरफ जाने वाले सभी गेट बंद कर दिए गए हैं। वकील बार सभागार में धरना दे रहे हैं, जिसका उद्देश्य गाजियाबाद कोर्ट में उनके साथी अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में न्यायिक कार्य का बहिष्कार करना है। इस हड़ताल को हाईकोर्ट बार द्वारा भी समर्थन मिला है।
बार के सचिव अमित कुमार नेहरा ने बताया कि 29 अक्टूबर को जिला जज के न्यायालय में सुनवाई के दौरान उन्होंने अधिवक्ताओं के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। विरोध करने पर निहत्थे अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कराया गया। बैठक में प्रस्ताव पारित कर जनपद न्यायाधीश के तत्काल निलंबन और दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने न्यायालय कक्ष में हुई घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए तीन दिनों के भीतर आवश्यक और प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, ताकि भविष्य में अधिवक्ताओं के साथ ऐसी शर्मनाक घटनाएं दोबारा न हों और न्यायिक कार्य प्रभावित न हो। इसी क्रम में, यूपी बार की जांच समिति भी सोमवार को गाजियाबाद आएगी।
क्या था मामला?
29 अक्टूबर को एक धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई के दौरान, जब अधिवक्ताओं ने उसे दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की, तो उनकी और जिला जज के बीच बहस हो गई। इसके बाद, पुलिस ने अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस का कहना है कि अधिवक्ताओं ने जिला जज के साथ बदसलूकी की थी।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) गाजियाबाद के जिला जज के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेगी। प्रयागराज में हुई एचसीबीए कार्यकारिणी की बैठक में, अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में, वर्तमान स्थिति पर आक्रोश व्यक्त किया गया। महासचिव विक्रान्त पाण्डेय ने बताया कि गाजियाबाद के अधिवक्ताओं के खिलाफ किए गए अन्यायपूर्ण व्यवहार के विरोध में सोमवार को सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे।
वकील अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगों में वेतन वृद्धि और बेहतर कार्य परिस्थितियों का सुधार शामिल हैं। हड़ताल से अदालतों का कामकाज प्रभावित हो रहा है, जिससे जमानत और अन्य मामलों की सुनवाई रुक गई है।
इस हड़ताल का समर्थन अन्य पेशेवर संगठनों ने भी किया है। वकीलों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
वकीलों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- जनपद न्यायाधीश की बर्खास्तगी: जिला जज अनिल कुमार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।
- पुलिस अधिकारियों की बर्खास्तगी: लाठीचार्ज कराने वाले पुलिस अधिकारियों को भी सेवा से बर्खास्त किया जाए।
- क्षतिपूर्ति राशि: लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओं को उचित क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाए।
- जांच समिति में प्रतिनिधित्व: उच्च न्यायालय द्वारा गठित जांच समिति में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा नामित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
- भविष्य में सुरक्षा: यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में न्यायालयों में अधिवक्ताओं के साथ ऐसे अत्याचार की पुनरावृत्ति न हो।
उम्मीद है कि जल्द ही सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और वकीलों के साथ संवाद स्थापित करेगी, ताकि न्यायपालिका की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।