Written by– Sakshi Srivastava
दिल्ली में छठ पूजा से पहले यमुना नदी में सफेद ‘जहरीले’ झाग देखने को मिले हैं, जिसने पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता पैदा कर दी है। ड्रोन कैमरे से बनाए गए वीडियो में यह झाग नदी के पानी में बड़े पैमाने पर फैले हुए दिखाई दे रहे हैं, जो गंभीर प्रदूषण को दर्शाते हैं। यह झाग रासायनिक अपशिष्ट, शहरी नालों और औद्योगिक कचरे के कारण उत्पन्न हो सकता है, जो नदी में मिलकर प्रदूषण की स्थिति को और खराब करते हैं। खासकर छठ पूजा के समय जब लोग नदी में स्नान और पूजा करते हैं, ऐसे प्रदूषित पानी से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
यह स्थिति नदी के पारिस्थितिकी तंत्र और लोगों के लिए खतरे का कारण बन सकती है। इस मामले में अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि नदी के जल की गुणवत्ता सुधारी जा सके और आने वाली पूजा के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।
दिल्ली सरकार के लिए यमुना नदी की सफाई एक बड़ी चुनौती है, खासकर छठ पूजा के समय जब नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान और पूजा करते हैं। सरकार ने पिछले कुछ सालों में यमुना के प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे नालों को साफ करना और औद्योगिक कचरे की रोकथाम, लेकिन समस्या पूरी तरह से हल नहीं हो पाई है।
छठ पूजा से पहले नदी की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकार के सक्रिय कदम उठाने की उम्मीद है। हालांकि, इस तरह की सफाई के काम में समय और संसाधन की आवश्यकता होती है, और यह संभव नहीं होता कि प्रदूषण पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके बावजूद, दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियां इस समस्या को हल करने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखेंगी, ताकि पूजा के दौरान नदी का पानी जितना संभव हो सके, सुरक्षित और स्वच्छ रहे।
अभी तक तो इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जानकारी सीमित है, लेकिन सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर जरूर होगा क्योंकि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों से जुड़ा हुआ है।