Written by- Sakshi Srivastava
राजस्थान के समरावता में हाल ही में हुए ‘थप्पड़ कांड’ के मामले में आरोपी नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नरेश मीणा ने खुद को पुलिस के सामने पेश किया और कहा कि वह गिरफ्तारी देने के लिए अपने गांव पहुंचे थे।
यह मामला तब चर्चा में आया था जब नरेश मीणा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान किसी व्यक्ति को थप्पड़ मारा था, जिससे विवाद खड़ा हो गया। घटना के बाद से ही पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी। गिरफ्तारी के बाद नरेश मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अपनी गिरफ्तारी देने के लिए खुद गांव पहुंचे थे।
पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
आपको बता दें एसडीएम थप्पड़ कांड के आरोपी नरेश मीणा ने हाल ही में समरावता में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह गिरफ्तारी देने के लिए वहां पहुंचे थे, लेकिन पुलिस मौजूद नहीं थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पुलिस से भागे नहीं थे और यह उनका “कैरेक्टर” नहीं है। नरेश मीणा के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि वह गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं, लेकिन पुलिस के न पहुंचने के कारण वह घटनास्थल पर थे। यह बयान मामले में नया मोड़ ला सकता है, लेकिन पुलिस की प्रतिक्रिया और आगे की जांच इस मामले की दिशा तय करेगी।
वहीं आपको बता दें देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में हुए थप्पड़ कांड के बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी के दौरान हुई हिंसा ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस घटनाक्रम में नरेश मीणा के फरार होने के बाद समरावता क्षेत्र में हंगामा बढ़ गया और रात के समय हिंसा की घटनाएं सामने आईं। ग्रामीणों के अनुसार, करीब 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, जिनमें कार, बाइक और जीपें शामिल थीं।
इस हिंसा के बाद, पुलिस ने गांव में तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस घटना में शामिल नहीं थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई का भय अब उनके बीच फैल गया है। कई परिवारों के युवा व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिससे गांव में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है।
नरेश मीणा ने थप्पड़ कांड के बाद अपनी गिरफ्तारी को लेकर एक नया दावा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके धरने में शामिल लोगों के लिए बाहर से खाना भेजा गया था, लेकिन पुलिस ने टोल पर उन खाने के पैकेट्स को रोक लिया। नरेश मीणा का कहना है कि जब यह बात उन्होंने सुनी, तो वह अकेले ही धरनास्थल से उठकर पुलिस अधिकारी से बातचीत करने गए थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और गिरफ्तारी कर ली।
नरेश मीणा के अनुसार, जैसे ही उनके समर्थकों को उनकी गिरफ्तारी का पता चला, वे मौके पर पहुंचे और उन्हें छुड़ा ले गए। इस घटनाक्रम ने और भी हंगामे को जन्म दिया और इलाके में तनाव बढ़ा दिया। मीणा का यह बयान पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाता है और यह दर्शाता है कि पूरे मामले में समर्थकों की सक्रियता ने घटनाओं को और भी जटिल बना दिया।
नरेश मीणा ने हंगामे में घायल होने की खबर के बाद आज सुबह एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए अपने समर्थकों को यह जानकारी दी कि वह ठीक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो वह डरे थे और न ही अब डरेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आगे की रणनीति जल्द ही साझा की जाएगी। इस पोस्ट से यह संकेत मिल रहा है कि नरेश मीणा अब अगले कदम की योजना बनाने में जुटे हैं और शायद वह अपनी स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, प्रशासन ने समरावता गांव और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। इलाके में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और पूरा समरावता गांव छावनी में तब्दील हो चुका है। पुलिस और प्रशासन के कदमों से यह साफ है कि वे किसी भी तरह की और हिंसा या हंगामे को रोकने के लिए पूरी तरह से सतर्क हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में हुई हिंसा और थप्पड़ कांड के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले की जानकारी डीजीपी यू आर साहू से ली और पुलिस को सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री की ओर से यह संदेश दिया गया है कि मामले में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जलदाय विभाग मंत्री कन्हैयालाल मीणा से भी बात की और उन्हें स्थिति की जानकारी दी। इस बीच, मुख्यमंत्री कोटा में मौजूद हैं और घटनाक्रम पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। उनके आदेशों के तहत, प्रशासन और पुलिस कार्रवाई तेज करने की दिशा में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की सक्रियता और प्रशासन की तत्परता से यह साफ है कि राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पूरी तरह से गंभीर है।
पुलिस मुख्यालय भी देवली-उनियारा क्षेत्र में हुई हिंसा और नरेश मीणा के फरार होने के मामले पर पूरी नजर बनाए हुए है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर, जयपुर से STF (स्पेशल टास्क फोर्स) और RAC (रैपिड एक्शन फोर्स) की तीन कंपनियों सहित अतिरिक्त पुलिस बल को उनियारा के लिए रवाना किया गया है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, विशाल बंसल ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, और पुलिस आरोपी व्यक्तियों की पहचान कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य आरोपी नरेश मीणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने टीमों का गठन किया है और उसकी लोकेशन को ट्रेस किया जा रहा है।
इस स्थिति में पुलिस की सक्रियता और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयासों के बावजूद, नरेश मीणा की गिरफ्तारी और इलाके में शांति बहाली की चुनौती बनी हुई है। प्रशासन का पूरा ध्यान मामले को जल्द से जल्द सुलझाने पर है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, जो सवाई माधोपुर से समरावता पहुंचने वाले हैं, ने देवली-उनियारा मामले पर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ट्वीट करते हुए बताया कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक और टोंक जिला कलेक्टर से फोन पर वार्ता की है और स्थिति का जायजा लिया है।
डॉ. मीणा ने ट्वीट में सभी से अपील की है कि वे शांति और धैर्य बनाए रखें, ताकि हालात और बिगड़ने न पाएं। उनका यह बयान इलाके में बढ़ते तनाव के बीच एक शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की कोशिश का हिस्सा है।
इससे यह संकेत मिलता है कि वह क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं, और उनके समर्थन से हिंसा के बीच कुछ सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।