Written by- Sakshi Srivastava
दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण और घने कोहरे के कारण आज से ग्रेप-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। इस योजना के तहत कई सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं, ताकि प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को रोका जा सके।
दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में शनिवार के मुकाबले 24 अंक की वृद्धि देखी गई, जिससे AQI 441 तक पहुँच गया, जो इस सीजन का सबसे उच्चतम स्तर था। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Graded Response Action Plan – GRAP) के तहत ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है। इसका मतलब है कि दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे, जैसे निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, वाहनों की संख्या में कमी और अन्य प्रदूषण-निरोधक उपायों का पालन करना।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, सरकारी और निजी ऑफिसों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, दिल्ली और एनसीआर राज्यों की सरकारों को यह सिफारिश की गई है कि वे छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई ऑनलाइन करवाएं, ताकि छात्रों को प्रदूषण से बचाया जा सके और उनकी सेहत पर असर न पड़े। यह कदम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए हैं।
वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र, दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने छठी से 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत 10वीं और 12वीं कक्षाओं को पहले की तरह ही स्कूल में चलाया जाएगा। यह व्यवस्था अगले आदेश तक लागू रहेगी, ताकि छात्रों को प्रदूषण से होने वाली समस्याओं से बचाया जा सके और उनकी सेहत को सुरक्षित रखा जा सके।
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने ट्रकों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया है। हालांकि, जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रकों के अलावा, एलएनजी, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को राजधानी में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, ग्रैप-4 योजना के तहत प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों और वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर भी प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के आसपास के राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 मानक वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी। इस कदम से प्रदूषण स्तर को कम करने और वायु गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण ने अति गंभीर श्रेणी की स्थिति उत्पन्न कर दी है, और मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अति गंभीर श्रेणी में बना रह सकता है। एक्यूआई 450 से ऊपर होने पर इसे अति गंभीर माना जाता है, और ऐसे हालात में ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू होता है। इस चरण के तहत, दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाता है, केवल जरूरी सामान लाने वाले सीएनजी वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है। इसके अतिरिक्त, डीजल के हल्के और भारी माल वाहनों पर भी प्रतिबंध रहता है, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं।
- दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों पर प्रवेश पाबंदी होगी, हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले ट्रकों के अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है।
- दिल्ली में पंजीकृत मध्यम और भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर भी प्रतिबंध रहेगा, लेकिन जरूरी सामान लेकर आने वाले वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट मिलेगी।
- एनसीटी दिल्ली और एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी, लेकिन आपातकालीन वाहनों को इस नियम से छूट दी गई है। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 (भारत स्टेज 6) मानक वाले वाहन चलने की अनुमति होगी।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने कई अहम प्रतिबंध लगाए हैं:
- उद्योगों पर पाबंदी: एनसीआर में उन उद्योगों पर रोक रहेगी जहां पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) ईंधन की सुविधा नहीं है और जो सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और चिकित्सा उपकरणों से जुड़ी उद्योगों को इस प्रतिबंध से छूट मिलेगी।
- निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक: निर्माण कार्यों, फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल, पाइपलाइन निर्माण और अन्य इस तरह की गतिविधियों पर भी रोक लगाई जाएगी, ताकि धूल और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
- केंद्रीय कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की छूट: केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घर से काम करने की छूट दे सकती है, ताकि सड़क पर वाहनों का दबाव कम किया जा सके और प्रदूषण में कमी लाई जा सके।
- एनसीआर राज्य सरकारों द्वारा 50% क्षमता के साथ घर से काम की छूट: राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी कार्यालयों में 50% क्षमता के साथ घर से काम करने की अनुमति दे सकती हैं।
- स्कूल और कॉलेजों की बंदी: राज्य सरकारें स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के साथ-साथ गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को भी बंद कर सकती हैं, ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य सरकार कुछ और सख्त कदम उठा सकती है:
- ऑड-ईवन योजना का कार्यान्वयन: राज्य सरकार प्रदूषण नियंत्रण के तहत ऑड-ईवन योजना लागू कर सकती है, जिसके तहत हर दिन केवल विषम (ऑड) और समान (ईवन) नंबर प्लेट वाले वाहनों को ही सड़कों पर चलने की अनुमति मिलेगी। यह योजना वाहन संख्या को सीमित करके प्रदूषण में कमी लाने का प्रयास करेगी।
- डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध: डीजल जनरेटर सेट (DG sets) पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है, क्योंकि ये भी वायु प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। विशेषकर, प्रदूषण की उच्चतम स्थिति में, जनरेटर सेटों का उपयोग और बढ़ सकता है, जिससे प्रदूषण में और वृद्धि हो सकती है।
इन उपायों का उद्देश्य वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाना और दिल्लीवासियों को प्रदूषण से सुरक्षित रखना है।
वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) वायु प्रदूषण के स्तर को मापने का एक मानक तरीका है, जो वायु में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बंटा होता है। एक्यूआई के मानक इस प्रकार होते हैं:
- 0-50 (अच्छा): वायु गुणवत्ता अच्छी होती है, किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या नहीं होती।
- 51-100 (संतोषजनक): वायु गुणवत्ता संतोषजनक होती है, लेकिन कुछ संवेदनशील लोग थोड़ी परेशानी महसूस कर सकते हैं।
- 101-200 (मध्यम): वायु गुणवत्ता मध्यम होती है, स्वस्थ व्यक्तियों पर कोई प्रभाव नहीं होता, लेकिन संवेदनशील लोग प्रभावित हो सकते हैं।
- 201-300 (खराब): वायु गुणवत्ता खराब होती है, स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों पर।
- 301-400 (बहुत खराब): वायु गुणवत्ता बहुत खराब होती है, सभी लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- 401-500 (गंभीर): वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर होती है, सभी व्यक्तियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, और तत्काल सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि दिल्ली में ग्रैप 4 के तहत लागू प्रतिबंधों के कारण छठी से 11वीं कक्षा तक की कक्षाएं ऑनलाइन होंगी। यह व्यवस्था मंगलवार से लागू हो रही है। हालांकि, 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए पहले की तरह शारीरिक रूप से स्कूल में पढ़ाई जारी रहेगी। यह निर्णय अगले आदेश तक लागू रहेगा। इस कदम का उद्देश्य छात्रों की सेहत को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण के प्रभावों से बचाव करना है।
इन प्रतिबंधों का उद्देश्य दिल्ली-NCR के प्रदूषण स्तर को कम करना और नागरिकों की सेहत को बचाना है, खासकर कोहरे के मौसम में, जब प्रदूषण और बढ़ जाता है। इसके अलावा, प्रदूषण में कमी लाने के लिए लोगों से अपील की गई है कि वे कारpooling करें, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें और जलवायु को लेकर सजग रहें।
यह कदम एक सशक्त प्रयास है ताकि हम बेहतर और स्वस्थ वातावरण में जी सकें।