Written by -Sakshi Srivastava
उत्तर प्रदेश के कानपुर और मिर्जापुर जिलों में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। कानपुर में भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी पर पथराव की घटना ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी। आरोप है कि विरोधी पार्टी के लोगों ने भाजपा उम्मीदवार की गाड़ी पर हमला किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस घटना के बाद भाजपा नेताओं ने इसकी निंदा की और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया जारी है। इन सीटों पर कुल 34,35,974 मतदाता हैं, जिनमें 11 महिलाएं शामिल हैं। चुनाव में कुल 90 प्रत्याशी मैदान में हैं। गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदाता हैं, जबकि सबसे कम मतदाता सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में हैं।
यह उपचुनाव प्रदेश की राजनीतिक दिशा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, और मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चुनाव आयोग ने लोगों से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान की अपील की है।
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डॉ. ज्योति बिंद ने यूपी उपचुनाव के दौरान पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के दबाव में पुलिस मतदाताओं को धमका रही है और मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। डॉ. बिंद ने आरोप लगाया कि सादी वर्दी में पुलिस कर्मी मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाताओं को डराने-धमकाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा, वह सपा समर्थकों को गाड़ी में बैठाकर मतदान केंद्रों से हटा रहे हैं।
उन्होंने मिर्जापुर के मझवां विधानसभा क्षेत्र के बरैनी से सेक्टर अध्यक्ष विजय यादव, गोपाल और अरविंद के सुबह छह बजे घर से उठाए जाने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि अब तक इन तीनों का कोई पता नहीं चल पाया है। इसके साथ ही, कछवा थाना क्षेत्र के जलालपुर और देहात कोतवाली के चितवनपुर बूथों पर मुस्लिम, यादव और बिंद बाहुल्य गांवों में भारी पुलिस बल तैनात कर मतदान को रोकने की कोशिश की जा रही है।
इन आरोपों के मद्देनजर, डॉ. ज्योति बिंद ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर मामले की जांच की मांग की है और चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता की अपील की है।
वहीं मिर्जापुर में समाजवादी पार्टी (सपा) ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा के नेताओं का कहना है कि भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए कई गलत तरीके अपनाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा के लोग चुनावी दखलअंदाजी करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
दोनों ही घटनाओं ने राज्य की राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है। अब यह देखना होगा कि चुनावी माहौल कैसे आगे बढ़ता है और क्या इन घटनाओं से प्रदेश में किसी तरह का असर पड़ता है।