Written by- Sakshi Srivastava
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुती (BJP, शिवसेना और अन्य सहयोगी दलों) के भीतर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) सीटों के मामले में गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है और इसके चलते वह मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा कर रही है। हालांकि, एकनाथ शिंदे और उनकी शिवसेना (बाल ठाकरे) के समर्थक यह मांग कर रहे हैं कि शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाए।
शिंदे के समर्थक लगातार उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बना रहे हैं, जबकि शिंदे खुद फिलहाल इस मुद्दे पर खुलकर बयान नहीं दे रहे हैं। यह स्थिति पार्टी के भीतर शक्ति संघर्ष और नेतृत्व के मुद्दे को लेकर असमंजस को बढ़ावा दे रही है। दोनों ही पक्षों का अपने-अपने तर्क और दावे हैं, जो अब महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस असमंजस को सुलझाने के लिए महायुती के नेताओं को आपस में बातचीत और समझौते की आवश्यकता है, ताकि सरकार स्थिर रह सके और मुख्यमंत्री पद पर स्थिति स्पष्ट हो सके।
देवेंद्र फडणवीस के पक्ष में बढ़त के पीछे कई कारण हैं:
- बीजेपी का मजबूत केंद्रीय समर्थन: देवेंद्र फडणवीस को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन प्राप्त है, जो राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में उनका बड़ा योगदान है। बीजेपी पार्टी के भीतर उनके लंबे समय से महत्वपूर्ण कद और संगठनात्मक अनुभव ने उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया है।
- एकनाथ शिंदे की सीमित राजनीतिक पृष्ठभूमि: एकनाथ शिंदे की स्थिति बीजेपी से बाहर के एक नेता के रूप में है। हालांकि उन्होंने शिवसेना के टूटने के बाद मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की, लेकिन उन्हें उतना केंद्रीय समर्थन नहीं मिल रहा जितना कि फडणवीस को है।
- गठबंधन की स्थिति: शिंदे और फडणवीस दोनों के बीच गठबंधन (शिवसेना-बीजेपी) में गहरे मतभेद हैं। हालांकि शिंदे मुख्यमंत्री बने, लेकिन बीजेपी का दबदबा और उनकी पार्टी के नेता जैसे फडणवीस के अनुभव ने उन्हें नेतृत्व में एक मजबूत स्थिति दी है।
- कुल मिलाकर नेताओं के प्रति पार्टी की निष्ठा: फडणवीस को पार्टी के भीतर उच्च पदों पर अधिक निष्ठा प्राप्त है। उनके नेतृत्व में पार्टी की रणनीतियाँ सफल रही हैं और इसका असर चुनावों में भी देखा गया है। शिंदे का प्रभाव अधिक स्थानीय स्तर पर देखा जा रहा है, जबकि फडणवीस की उपस्थिति राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महसूस होती है।
इस कारणों से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की रेस में शिंदे से आगे नजर आ रहे हैं।
यह बात सही है कि देवेंद्र फडणवीस ने हमेशा पार्टी के प्रति निष्ठा और अनुशासन का प्रदर्शन किया है, जो उन्हें बीजेपी में एक मजबूत और भरोसेमंद नेता बनाता है। जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, तब भले ही बीजेपी के पास कम विधायक थे, लेकिन पार्टी ने शिंदे को मुख्यमंत्री बना दिया और फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया। इस फैसले का फडणवीस ने कभी विरोध नहीं किया, और उन्होंने अपनी भूमिका निभाने में पूरी निष्ठा दिखाई।
उनकी इस लचीलापन और पार्टी के प्रति समर्पण को बीजेपी ने सराहा है, और यही कारण है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार माना जा रहा है। फडणवीस का यह समर्पण बीजेपी की कार्यशैली और नेतृत्व को मजबूत बनाता है।
इसके अलावा, फडणवीस का पूर्व मुख्यमंत्री का अनुभव भी उन्हें इस रेस में मजबूत बनाता है। जब बीजेपी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, तो यह स्वाभाविक है कि पार्टी नेतृत्व फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोट कर सकता है। पार्टी में उनका मजबूत कद और उनके कार्यकाल में किए गए फैसले बीजेपी के लिए लाभकारी रहे हैं, और इस कारण उनका नाम मुख्यमंत्री के लिए सबसे आगे है।
देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार बनने में उनके केंद्रीय नेताओं, खासकर अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का समर्थन अहम भूमिका निभा रहा है। यह समर्थन उन्हें पार्टी और संगठन दोनों स्तर पर एक मजबूत स्थिति में खड़ा करता है।
- अमित शाह का समर्थन: बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का फडणवीस को समर्थन मिलना उन्हें केंद्रीय नेतृत्व से अपार भरोसा दिलाता है। अमित शाह का मार्गदर्शन और समर्थन बीजेपी के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और फडणवीस को इस समर्थन का लाभ मिल रहा है।
- आरएसएस का समर्थन: आरएसएस, जो बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है, भी फडणवीस के साथ खड़ा है। उनकी बैठक मोहन भागवत से नागपुर में 23 नवंबर को यह साबित करती है कि उन्हें संघ परिवार का भी समर्थन है। आरएसएस की भूमिका बीजेपी में हमेशा महत्वपूर्ण रही है, और संघ का समर्थन फडणवीस को पार्टी में और राज्य में उनके नेतृत्व को प्रोत्साहित करता है।
- मजबूत नेतृत्व की छवि: फडणवीस को इस समर्थन का फायदा उनके नेतृत्व की छवि को और मजबूती देने में मिल रहा है। उनका नेतृत्व पार्टी को एकजुट करता है और राज्य में बीजेपी की स्थिति को मजबूत बनाता है, जो उनके मुख्यमंत्री बनने के रास्ते को साफ करता है।
इस तरह, देवेंद्र फडणवीस का समर्थन सिर्फ पार्टी के भीतर ही नहीं, बल्कि पार्टी के शीर्ष नेताओं और आरएसएस जैसे संगठन से भी मिल रहा है, जिससे उनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी और भी मजबूत होती जा रही है।