सरल न्यूज़: 12 लाख तक इनकम पर कोई टैक्स ना देने के निर्णय से दिल्ली के 85 फीसदी करदाता टैक्स मुक्त हो गए हैं
अरविंद केजरीवाल का 25000 रुपये देने का दावा कितना निराधार, खोखला और हास्यास्पद है यह इसी बात से समझा जा सकता है क्योंकि दिल्ली का बजट 78000 करोड़ रुपये और परिवार 40 लाख हैं – डॉ सुधांशु त्रिवेदी
नई दिल्ली, 2 फरवरी: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जो बजट पेश किया है वह सर्व समावेशी और समाज के हर वर्ग को आर्थिक शक्ति प्रदान करने वाला और विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने वाला एक युगांतरकारी बजट है जिसमें किसानों से लेकर मध्य वर्ग के लिए बहुत कुछ है।
प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री प्रदीप भंडारी और प्रदेश प्रवक्ता डॉ अनिल गुप्ता उपस्थित थे।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस बार के बजट के छह एरिया ऑफ फोकस है जिसमें- अर्बन डेवलपमेंट, पावर, माइनिंग, टैक्स रिफॉर्म, स्ट्रक्चर्ल चेजेंज थे। अर्बन डेवलपमेंट के ऊपर विशेष फोकस किया गया है और दूसरा पावर। अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनना है तो अर्बन डेवलपमेंट और पावर सबसे की फैक्टर हो जाता है। उन्होंने कहा कि इन दोनों फैक्टर का अगर लाभ किसी को प्राप्त होने जा रहा है तो वह दिल्ली है। मेट्रो का डबल होना दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर में एक नए युग की शुरुवात हुआ है।
डॉक्टर त्रिवेदी ने कहा कि मध्यम वर्ग का अनुमान था कि 10 लाख रुपये तक इनकम वालो को टैक्ट फ्री रखा जाएगा लेकिन वह 12 लाख रुपये तक कर दिया गया है। मतलब लोगों ने जितनी अपेक्षा इस बजट से की थी सरकार ने उससे बढ़ाकर दिया है। इसका सबसे लाभ दिल्ली को होना है क्योंकि यहां 1 करोड़ के लगभग लोग मध्यम वर्ग है उसमें 85 फीसदी कर दाताओं को अब कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि टीडीएस को लेकर भी 50,000 से बढाकर 1,00,000 कर दिया गया है यानि अगर किसी की इनकम एक लाख रुपये से कम की है उनका टीडीएस नहीं कटेगा। इसके अलावा जो किराये की इनकम पर निर्भर है वह 6 लाख तक के इनकम पर टीडीएस मुक्त हो गए हैं।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इसके अतिरिक्त पांच स्किल के सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है जिसमें युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग मिलेगी और उनका भविष्य उज्जवल होगा। सरकार ने जो छूट दी है उसमें एक लाख करोड़ रुपये का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन और लगभग 36000 करोड़ रुपये की इन डायरेक्ट की सरकार के पास कमी आएगी। यह सब अचानक नहीं बल्कि मोदी जी के आर्थिक सोच के विस्तृत प्रारुप की योजना है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग को उस हद तक आर्थिक शक्ति प्रदान की गई, ताकि वह सहज समान्य जीवन यापन कर सके और जब इंडस्ट्रियल फिल्ड में आगे बढने लगे, तो उस वर्ग को भी अपेक्षा से अधिक हम देने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें सबकुछ निगेटिव देखने की आदत होती है। दिल्ली में नई राजनीति के स्वघोषित ईमानदार केजरीवाल बता रहे हैं, वह छूट बता रहे हैं लेकिन हमने मध्य प्रदेश मे लाडली योजना और महाराष्ट्र में एवं मध्य प्रदेश में हमें देना था हमने दिया इसलिए अरविंद केजरीवाल का 25000 रुपये देने का दावा कितना निराधार, खोखला और हास्यास्पद है यह इसी बात से समझा जा सकता है क्योंकि दिल्ली का बजट 78000 करोड़ रुपये और परिवार 40 लाख हैं। इसलिए ये कहां से आएगा इसका जवाब अरविंद केजरीवाल मांग रही है।