नोएडा-ग्रेनो क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने के लिए 10 स्थानों पर कार्रवाई की गई है। इसके अंतर्गत प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने पर संबंधित कंपनियों और प्रतिष्ठानों पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कदम वायु गुणवत्ता में सुधार लाने और प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों पर और अधिक कड़ी सजा दी जाएगी।
नोएडा में आठ और ग्रेटर नोएडा में दो स्थानों पर प्रदूषण मानकों के उल्लंघन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिससे कुल पांच लाख रुपये की वसूली हुई। इन स्थानों पर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था, जिससे वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। अधिकारियों ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह संदेश दिया है कि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे सड़क निर्माण कार्य के दौरान प्राधिकरण के ठेकेदार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, फ्यूटेक गेटवे, सेक्टर-175 के सामने मुख्य सड़क पर डिवाइडर के निर्माण कार्य के चलते प्रदूषण फैलाने पर भी 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि प्रदूषण रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं।
नोएडा में प्रदूषण मानकों के उल्लंघन पर विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए कई स्थानों पर जुर्माना लगाया गया है। सेक्टर-10 में दो स्थानों पर 50-50 हजार रुपये, सेक्टर-117 में सीवेज पंपिंग स्टेशन के सामने एसटीपी ट्रीटेड वाटर की भूमिगत पाइपलाइन के कार्य, सेक्टर-122 के डीपीएस, सेक्टर-72 पुलिस चौकी सर्फाबाद के पास भूमिगत विद्युत पाइपलाइन, और सेक्टर-44 में एक इमारत के निर्माण कार्य पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। कुल मिलाकर, नोएडा में आठ स्थानों पर चार लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। यह कार्रवाई प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
नोएडा में 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी की जा रही है।
नोएडा में 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी की जा रही है। यह पहल शहर में सार्वजनिक परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण मित्र बनाने के उद्देश्य से की जा रही है। इन बसों के संचालन से न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव भी मिलेगा। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम शहर की परिवहन व्यवस्था को सुधारने और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
हाल ही में नगर विकास विभाग के साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा प्राधिकरणों की एक बैठक हुई, जिसमें नोएडा क्षेत्र के लिए 200 और ग्रेनो तथा यीडा के लिए 150-150 इलेक्ट्रिक बसों का प्रस्ताव रखा गया। शहर में सार्वजनिक परिवहन की कमी एक लंबे समय से समस्या बनी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि पीएम ई-बस योजना के तहत बसों की मांग की गई थी, जिसे केंद्र से राज्य को प्रस्तावित किया गया था।
इस प्रस्ताव में यह उल्लेख किया गया है कि जो भी एजेंसी इन बसों का संचालन करेगी, उसे किराए से होने वाली आय और खर्च के बीच के अंतर को वहन करना होगा, जिसे जिले के हिसाब से शासन को देना पड़ेगा। इस पहल से सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था को बेहतर बनाने और लोगों की यात्रा में सहूलियत लाने का प्रयास किया जा रहा है।
शासन स्तर पर पहले इस प्रस्ताव को इंकार कर दिया गया था, लेकिन जरूरत को देखते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा प्राधिकरणों ने इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। अब तक तैयार की गई योजना में बसों का आकार 9 और 12 मीटर के सिंगल फ्लोर रखा गया है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, तीनों प्राधिकरणों को आय और खर्च के बीच के अंतर के रूप में करीब 62 रुपये प्रति किलोमीटर देने होंगे।
टेंडर प्रस्ताव के प्रारूप में इस खर्च पर प्राधिकरणों से सहमति, आपत्ति या सुझाव मांगे गए हैं। इस पहल से सार्वजनिक परिवहन की सुविधा को बढ़ाने और क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाने का उद्देश्य है।
प्राधिकरणों ने इस योजना पर मंथन शुरू कर दिया है और अपनी सलाहकार एजेंसी से विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। यह रिपोर्ट प्रस्तावित खर्च के आधार पर बसों की उपयोगिता और संचालन संबंधी पहलुओं का आकलन करेगी। एजेंसी की यह रिपोर्ट प्राधिकरणों को निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रभावी और व्यावसायिक रूप से टिकाऊ हो।