Written by– Sakshi Srivastava

छठ पूजा का त्यौहार खास तौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है, जिसमें व्रति अपने परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए संतान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इन राज्यों में इस धार्मिक पर्व को देखते हुए सरकारी अवकाश की घोषणा की जाती है, जिससे लोग इस पर्व को पूरे श्रद्धा भाव से मना सकें।
इस वर्ष, 7 नवंबर को छठ पूजा के चलते स्कूलों की छुट्टी है, ताकि छात्र और उनके परिवार इस अवसर का पूरा लाभ उठा सकें और पूजा की तैयारियों में जुट सकें।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण स्थिति गंभीर हो गई है, और यह छात्रों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से दिल्ली सरकार पर इस मुद्दे से निपटने के लिए दबाव बढ़ा है। खासकर, जब प्रदूषण के चलते कई स्कूलों ने सुबह की सभाएं रद्द कर दी हैं, तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली सरकार प्रदूषण के कारण छात्रों के लिए ‘प्रदूषण अवकाश’ की घोषणा करेगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री आतिशी ने पहले भी इस मुद्दे पर कई बार चिंता जताई है और विभिन्न उपायों की घोषणा की है, जैसे कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और वाहनों की संख्या घटाने के प्रयास। हालांकि, प्रदूषण अवकाश की घोषणा का सवाल अभी तक उठाया नहीं गया है, लेकिन यदि वायु गुणवत्ता और स्थिति बिगड़ती रही तो यह संभव है कि सरकार कुछ विशेष निर्णय ले सकती है, जैसे कि स्कूलों की छुट्टियां या अन्य उपाय।
इस समय, दिल्ली सरकार और स्कूल प्रशासन प्रदूषण से बचाव के उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ताकि छात्रों और समुदाय को सुरक्षित रखा जा सके।
नवंबर महीने में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के स्कूलों में खास छुट्टियां घोषित की गई हैं। छठ पूजा के अलावा, इन दोनों राज्यों में छात्रों को 3 और दिन की छुट्टियां मिलेंगी। इस महीने स्कूलों में कुल मिलाकर चार छुट्टियां होंगी।
राजकीय अवकाश
इसके अलावा, राज्य सरकार की ओर से अन्य सार्वजनिक छुट्टियां घोषित की गई हैं, जिससे छात्रों को कुछ और दिन स्कूल से राहत मिलेगी।
इस तरह, नवंबर के अंत में छात्रों को लंबी छुट्टियों का मजा मिलेगा, जो उन्हें अपनी पढ़ाई और आराम के बीच संतुलन बनाने का अच्छा मौका देगा।
दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ग्रेडेड एक्शन प्लान (GRAP) को लागू किया है, जो प्रदूषण के बढ़ते स्तर के आधार पर विभिन्न कदम उठाता है। GRAP की यह योजना विभिन्न चरणों में लागू होती है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के स्तर के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
जब AQI 450 या उससे अधिक हो जाता है, तो GRAP 4 लागू किया जाता है, जो सबसे कड़े कदमों में से एक है। इस चरण में, शहर में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं:
- स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए जाते हैं, ताकि बच्चों को प्रदूषण से बचाया जा सके।
- ऑड-ईवन पंजीकरण प्रणाली लागू की जाती है, जिससे सड़क पर वाहनों की संख्या को नियंत्रित किया जाता है और इस तरह से प्रदूषण के स्तर को कम किया जाता है।
- इसके अलावा, निर्माण कार्यों और अन्य प्रदूषणकारी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लग सकता है।
GRAP का उद्देश्य प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से पहले प्रभावी कदम उठाना और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह योजना प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक व्यापक और समन्वित प्रयास का हिस्सा है, जो दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लागू की जाती है।
ऑनलाइन क्लासेज का सुझाव।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र, खासकर जब AQI बहुत खराब हो जाता है, तो स्कूलों के लिए ऑनलाइन क्लासेस एक व्यवहारिक और सुरक्षित विकल्प बन सकता है। यदि वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि स्कूलों को बंद करने की जरूरत महसूस हो, तो ऑनलाइन कक्षाएं छात्रों को उनकी पढ़ाई से जोड़े रखने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
ऑनलाइन क्लासेस के फायदे:
- स्वास्थ्य सुरक्षा: छात्रों को प्रदूषण के खतरनाक स्तर से बचाने के लिए घर से पढ़ाई करना सबसे सुरक्षित विकल्प होता है।
- शिक्षा में निरंतरता: स्कूल बंद होने पर भी शिक्षा का सिलसिला जारी रखा जा सकता है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा।
- लचीला समय: छात्र और शिक्षक दोनों अपने-अपने समय और स्थान से क्लास में शामिल हो सकते हैं, जिससे आवागमन और प्रदूषण से बचा जा सकता है।
हालांकि, यह ध्यान में रखना होगा कि सभी छात्र और परिवार ऑनलाइन शिक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं होते हैं, और कुछ स्थानों पर इंटरनेट की स्थिरता भी एक समस्या हो सकती है। इसलिए यह कदम तभी उठाया जा सकता है जब सभी के पास इस सुविधा का पर्याप्त विकल्प हो।
यदि दिल्ली सरकार या स्कूल प्रशासन को लगता है कि प्रदूषण के कारण स्थिति गंभीर हो सकती है, तो वे ऑनलाइन शिक्षा को एक अस्थायी समाधान के रूप में लागू करने पर विचार कर सकते हैं, जैसे कि पहले कोविड-19 के दौरान किया गया था।
कब तक हो सकती है स्कूलों में छुट्टी

इस महीने नवंबर में कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ और त्योहार आ रहे हैं, जो विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक घटनाओं को लेकर खास हैं:
- 7 नवंबर (गुरुवार) – छठ पूजा: यह बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और दिल्ली में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। सूर्य देव की पूजा करने का यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- 15 नवंबर (शुक्रवार) – गुरु नानक जयंती: यह सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती है, जो सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन धार्मिक समारोह और श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना की जाती है।
- 24 नवंबर (रविवार) – कार्तिक पूर्णिमा और श्री गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस: कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह दिन विशेष रूप से हिन्दू और सिख धर्म दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। श्री गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस भी इसी दिन मनाया जाता है, जो उनके बलिदान की याद में होता है।
नवंबर महीने में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सरकारी छुट्टियों की कुल संख्या बढ़कर 6 हो रही है, जिसमें 4 रविवार, 7 नवंबर (छठ पूजा) और 15 नवंबर (गुरु नानक जयंती) शामिल हैं।
यह छुट्टियाँ स्कूली बच्चों के लिए एक अच्छा अवसर हैं, क्योंकि इन्हें अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे वे त्योहारों का आनंद ले सकते हैं और साथ ही कुछ आराम भी कर सकते हैं।
इस महीने की सरकारी छुट्टियों की सूची इस प्रकार होगी:
- 7 नवंबर (गुरुवार) – छठ पूजा
- 15 नवंबर (शुक्रवार) – गुरु नानक जयंती
- 4 रविवार (1, 8, 15, 22 नवंबर) – रविवार
- 24 नवंबर (रविवार) – कार्तिक पूर्णिमा और श्री गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस
इन छुट्टियों के दौरान, कई स्कूलों में विशेष धार्मिक या सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जा सकती हैं।