Written by– Sakshi Srivastava
पंजाब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से VIP नंबर प्लेटों की बिक्री से संबंधित ब्योरा मांगा है। अदालत ने यह पूछा है कि जिन VIP नंबर प्लेटों को कौड़ियों के भाव बेचा गया, उनकी कुल संख्या कितनी है और उन पर कितनी रकम अभी भी सरकार को प्राप्त नहीं हुई है।
VIP नंबर प्लेटों को आमतौर पर मोटर वाहन मालिकों द्वारा बहुत ही उच्च कीमत पर खरीदी जाती हैं, जो उनके वाहन को एक विशेष पहचान देती हैं। लेकिन अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है, क्योंकि सरकार ने इन नंबरों की बिक्री से पूरी तरह से रिकवरी सुनिश्चित नहीं की है।
अदालत ने पंजाब सरकार से सभी संबंधित जानकारियों का विवरण देने को कहा है, ताकि यह साफ हो सके कि VIP नंबरों की बिक्री से हुई आय में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है।
पंजाब हाईकोर्ट में फैंसी नंबरों की अनियमितताओं पर याचिका, जांच की मांग
गुरसाहिब सिंह ने एडवोकेट बलदेव कपूर के माध्यम से पंजाब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा फैंसी और वीआईपी नंबर प्लेटों के कौड़ियों के भाव अलॉट करने का आरोप लगाया गया। याचिका में गुरसाहिब सिंह ने फिरोजपुर के डीटीओ कार्यालय में हो रही धांधली की ओर इशारा किया और हाईकोर्ट से इस मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की।
याचिका में दावा किया गया कि ट्रांसपोर्ट विभाग फैंसी नंबरों को निर्धारित फीस से भी कम कीमत पर जारी कर रहा है, जिससे सरकारी राजस्व में हानि हो रही है। इसके अलावा, हाईकोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, फिरोजपुर के डीटीओ ने एक विशेष मामले में फैंसी नंबर चरणदीप सिंह को कम कीमत पर अलॉट किया था। चौंकाने वाली बात यह थी कि डीटीओ ने यह नंबर अपने नाम पर जारी किया, जो कि नियमों का उल्लंघन था।
इस मामले में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने भी जवाब देते हुए माना कि डीटीओ द्वारा यह नंबर कम कीमत पर जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसे एक ग़लती के तौर पर बताया। अब हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है।