Written by- Sakshi Srivastava
उत्तर प्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में अब दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होगा। यह निर्णय प्रदेश सरकार ने हाल ही में लिया है और इसके लिए चिकित्सा विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।
पहले निजी नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में दाखिला सीधे मेरिट के आधार पर होता था, लेकिन अब सभी कॉलेजों में छात्रों का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। यह कदम छात्रों की गुणवत्ता और कोर्स में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस बदलाव से छात्रों को समान अवसर मिलेगा और चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। साथ ही, इससे नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स के छात्रों की क्षमता में भी वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।
अब प्रदेश के सभी निजी कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए छात्रों को इस प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा, और उन्हें परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर ही चयन किया जाएगा।
प्रदेश के निजी नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में चल रहे जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स में अब दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होगा। इसका मतलब है कि वर्ष 2025-26 से इस कोर्स में मेरिट के आधार पर दाखिला नहीं होगा, बल्कि छात्रों को प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर चयनित किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है और इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि शिक्षा में गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ेगी, और विद्यार्थियों को एक समान अवसर मिलेगा।
प्रदेश के 386 कॉलेजों में जीएनएम (जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी) की कुल 17,845 सीटें हैं, जिनमें अब तक दाखिला हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट के आधार पर किया जाता रहा है। हालांकि, सत्र 2024-25 के लिए पहले केंद्रीयकृत प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया था, और इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय को ऑनलाइन काउंसलिंग का जिम्मा सौंपा गया था।
लेकिन, निजी कॉलेज संचालकों के दबाव के बाद, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपना फैसला बदलते हुए 8 जुलाई 2024 को फिर से मेरिट आधारित दाखिले की व्यवस्था बहाल कर दी। इसके बावजूद, 2025-26 से दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा को अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि इससे चयन प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता और समानता आएगी।
वहीं आपको बता दें 15 नवंबर को उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव ने जीएनएम डिप्लोमा में दाखिले को लेकर नया आदेश जारी किया। इस आदेश के अनुसार, वर्ष 2025-26 से जीएनएम में दाखिला अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट से नहीं होगा, बल्कि प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। इससे पहले 8 जुलाई 2024 को मेरिट आधारित दाखिले की व्यवस्था बहाल की गई थी, लेकिन अब पारदर्शी प्रतिस्पर्धा परीक्षा को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले के बाद, निजी कॉलेज संचालकों में एक बार फिर विरोध और लामबंदी की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।