Written by -Sakshi Srivastava
आज संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह सत्र संसद के प्रतिष्ठित सेंट्रल हॉल में आयोजित हुआ, जहां उन्होंने भारतीय संविधान के 75 वर्षों की यात्रा को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान की महत्ता, इसके द्वारा नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की सराहना की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान को देश के प्रगति, समृद्धि और लोकतांत्रिक संस्थाओं के निर्माण का मार्गदर्शक बताया। उन्होंने संविधान को भारतीय संस्कृति, विविधता और एकता का प्रतीक भी बताया, जो देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और सम्मान प्रदान करता है।
इसके साथ ही, राष्ट्रपति ने इस ऐतिहासिक अवसर पर एक विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया, जो संविधान के 75 वर्षों की उपलब्धि को चिन्हित करता है। यह सिक्का भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और संविधान की निरंतरता को सम्मानित करने के लिए जारी किया गया।
इसके अलावा, राष्ट्रपति ने एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया, जिसे भारतीय संविधान के प्रतीक और उसके महत्व को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। यह डाक टिकट देशवासियों को संविधान के प्रति उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की याद दिलाता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस के अवसर पर नागरिकों से अपील की कि वे संविधान के उद्देश्यों और मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करें और राष्ट्र की सेवा में अपनी भूमिका निभाने के लिए हमेशा तत्पर रहें।
आज का दिन भारतीय संविधान की ताकत और उसकी स्थायिता को मान्यता देने का है, और राष्ट्रपति मुर्मू के इन उपक्रमों ने इस दिन को और भी ऐतिहासिक बना दिया है।