Written by- Sakshi Srivastava
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज से अपनी संसदीय यात्रा की शुरुआत की है। वे वायनाड से चार लाख से अधिक मतों के साथ जीतकर लोकसभा पहुंची हैं। संसद भवन में पहुंचने पर प्रियंका गांधी ने अपनी शपथ ली, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका नाम पुकारा। प्रियंका गांधी संविधान की प्रति हाथ में लेकर शपथ ली और इस मौके पर उनके साथ उनकी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी भी संसद में मौजूद थे। प्रियंका ने इस अवसर पर अपनी खुशी का भी इज़हार किया।
वायनाड उपचुनाव में राहुल गांधी की खाली की गई सीट पर प्रियंका गांधी ने शानदार जीत हासिल की है, और उन्होंने 4 लाख से ज्यादा वोटों से विजय प्राप्त की। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका को वायनाड से लोकसभा का प्रत्याशी नामित किया। अब गांधी परिवार के तीन सदस्य—प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, और राहुल गांधी—संसद में एक साथ नजर आएंगे, जो पार्टी और परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
राहुल गांधी रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं, जबकि प्रियंका गांधी वायनाड से लोकसभा सांसद चुनी गई हैं और सोनिया गांधी राज्यसभा की सांसद हैं। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है और यह 20 दिसंबर तक चलेगा। अब जब प्रियंका गांधी लोकसभा में आ गई हैं, तो यह संभावना जताई जा रही है कि वे अपने भाई राहुल गांधी के साथ मिलकर केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में लाएंगी। प्रियंका गांधी ने संसद पहुंचने से पहले भी मोदी सरकार की नीतियों और कार्यों पर लगातार सवाल उठाए हैं, और अब उनकी संसद में उपस्थिति से सरकार के खिलाफ विपक्षी आवाज़ को और मजबूत किया जा सकता है।
प्रियंका गांधी ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तेलंगाना विधानसभा चुनावों में सक्रिय रूप से प्रचार किया था और इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की ओर से पार्टी की स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया था। अब, लोकसभा में अपनी शपथ लेने के लिए प्रियंका गांधी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा शपथ दिलाई जाएगी।
वहीं, विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ अपने हमलों की रणनीति तैयार कर ली है, और आज वे अडानी समूह के मुद्दे से लेकर महंगाई तक विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। इस बीच, प्रियंका गांधी की लोकसभा में उपस्थिति से कांग्रेस और विपक्षी दलों की आवाज़ और भी मजबूत हो सकती है, खासकर जब वे इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल गांधी के साथ मिलकर पूरे देश में व्यापक प्रचार किया था और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की थी। उन्होंने कई मुद्दों, जैसे बेरोजगारी, महंगाई और किसान आंदोलन, पर सरकार को निशाने पर लिया था। अब, जब वह लोकसभा की सदस्य बन गई हैं, तो यह संभावना जताई जा रही है कि वे संसद में अपने भैया राहुल के साथ मिलकर मोदी सरकार के कामकाज पर हमले करेंगी। उनके द्वारा उठाए गए सवाल और आलोचनाएं सरकार के लिए चुनौती पेश कर सकती हैं, खासकर जब वे केंद्र सरकार की नीतियों और फैसलों पर जवाब तलब करेंगी। प्रियंका गांधी के संसद में आगमन से कांग्रेस और विपक्ष की रणनीति और अधिक सशक्त हो सकती है।