
दिल्ली डेस्क
दिल्ली में सितंबर के अंतिम दिनों में मानसून की विदाई के बावजूद भारी बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) को काफी ऊपर पार कर गया है, जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। खासकर मॉनेस्ट्री मार्केट (मोनास्ट्री मार्केट), यमुना बाजार, निगमबोध घाट और आसपास के क्षेत्रों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें तैनात कर दी हैं, जबकि राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं।
क्या है बाढ़ कारण !
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 2 सितंबर 2025 को शाम 7 बजे तक यमुना का जलस्तर 206.22 मीटर था, जो 3 सितंबर की सुबह 5 बजे तक बढ़कर 206.74 मीटर हो गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-NCR में 2-3 सितंबर को रेड अलर्ट जारी किया था, जिसके चलते बारिश का सिलसिला जारी रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर 2023 की बाढ़ से कम है, लेकिन निचले इलाकों के लिए खतरनाक है।
1 सितंबर को हथिनीकुंड से 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। यमुना का स्तर 205.68 मीटर पहुंचा, जो खतरे के निशान से 3 फीट ऊपर था। 2 सितंबर को जलस्तर 205.80 मीटर तक पहुंचा। पुराने लोहे के पुल (लोहा पुल) को बंद कर दिया गया। मयूर विहार, शाहदरा और यमुना बाजार में जलभराव शुरू।
3 सितंबर (वर्तमान) में जलस्तर 206.74 मीटर। मॉनेस्ट्री मार्केट और निगमबोध घाट पूरी तरह जलमग्न। IMD ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है।
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
यमुना का “तांडव” मुख्य रूप से पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के निचले इलाकों को प्रभावित कर रहा है। पानी के घुसने से सड़कें जलमग्न हो गई हैं, ट्रैफिक जाम लगा हुआ है, और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। मुख्य प्रभावित क्षेत्र:-
मॉनेस्ट्री मार्केट (मोनास्ट्री मार्केट) में पानी पूरी तरह घुस गया। दुकानें और आवास जलमग्न। नावों से बचाव कार्य चल रहे हैं। कोई मौत की खबर नहीं, लेकिन संपत्ति को नुकसान। यमुना बाजार में NDRF की टीमें तैनात। घरों और बाजारों में 2-3 फीट पानी। 5,000 से अधिक लोग प्रभावित। रिंग रोड पर जलभराव से वाहन फंस रहे। निगमबोध घाट नदी का तेज बहाव। घाट क्षेत्र डूबा हुआ। पुराने लोहे के पुल के पास खतरा।
मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, आईटीओ, मयूर विहार फेज-1, शाहदरा, बुराड़ी, गीता कॉलोनी। सिविल लाइंस के यमुना मार्ग पर भारी जलभराव। कुल 15,000+ लोग विस्थापित।
जनजीवन पर असर
स्कूल-कॉलेज बंद, ट्रेन और मेट्रो सेवाएं प्रभावित। पीने के पानी की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, क्योंकि जलभराव से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावित हो सकते हैं। 2023 की तरह रिंग रोड पर नाव चलाने की नौबत नहीं आई, लेकिन सड़कें “दरिया” में बदल गई हैं। अनुमानित रूप से करोड़ों का। बाजारों में दुकानें बंद, फसलें और संपत्ति डूबी।
यमुना बाजार और मॉनेस्ट्री मार्केट में हालत
NDRF की 4 टीमें (कुल 72 बोट्स के साथ) राहत-बचाव के लिए तैनात। यमुना बाजार और मॉनेस्ट्री मार्केट में नावों से लोगों को निकाला जा रहा है। अब तक 10,000-15,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। NDRF ने मयूर विहार फेज-1 में राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग 2 चीफ इंजीनियर, 5 सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर और 20 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तैनात। डी-सिल्टिंग (कीचड़ हटाना) से पानी के रुकाव को रोका जा रहा। PWD, MCD, जल बोर्ड: नालों की सफाई, कॉलोनियों को ओवरफ्लो से बचाव। 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय।
राजस्व विभाग और डीएम
डिविजनल कमिश्नर नीरज सेमवाल को बाढ़ प्रबंधन की जिम्मेदारी। PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने आईटीओ बैराज का दौरा किया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि “2023 जैसे हालात नहीं होंगे। डी-सिल्टिंग से पानी सड़कों पर नहीं आएगा। स्थिति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है।” लोगों से अपील की गई है कि “नदी किनारे न जाएं। राहत शिविरों में 400+ परिवार शरण ले चुके। हेल्पलाइन नंबर जारी: 1077 (DDMA)। सेना और SDRF भी स्टैंडबाय पर।
चेतावनी और भविष्य की संभावना
IMD के अनुसार, 3-5 सितंबर तक भारी बारिश जारी रह सकती है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है। अगर 207 मीटर तक पहुंचा, तो और अधिक इलाके प्रभावित होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि “यमुना बेल्ट पर अवैध निर्माण मुख्य समस्या। लंबे समय में ड्रेनेज मास्टर प्लान में बाढ़ नियंत्रण उपाय शामिल करने की जरूरत।” निचले इलाकों के निवासी तुरंत राहत शिविरों में जाएं। ट्रैफिक अपडेट के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ऐप चेक करें।