
अनिल गुप्ता | नई दिल्ली, 6 नवंबर, 2025
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आज मिज़ोरम सचिवालय सेवा के 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी की। यह दौरा स्मार्ट सिटी पहलों पर ज्ञान-साझाकरण और अनुभव-विनिमय चर्चा के उद्देश्य से किया गया। मिज़ोरम प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा एनडीएमसी द्वारा भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) के सहयोग से आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा थी।
एनडीएमसी के स्मार्ट सिटी मॉडल की प्रस्तुति
चर्चा के दौरान एनडीएमसी के सचिव श्री राकेश कुमार ने सतत शहरी विकास और आधुनिक नागरिक प्रशासन के लिए एनडीएमसी के एकीकृत दृष्टिकोण पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कैसे स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लागू पहलों ने एनडीएमसी क्षेत्र को देश की सबसे नागरिक-अनुकूल और तकनीकी रूप से उन्नत राजधानी क्षेत्रों में से एक बना दिया है।
इस अवसर पर एनडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी — ओएसडी (कार्मिक/शिक्षा), मुख्य अभियंता (सिविल एवं विद्युत), मुख्य वास्तुकार, स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी, निदेशक (बागवानी) और निदेशक (प्रशिक्षण) — भी उपस्थित थे। इन अधिकारियों ने स्मार्ट सिटी विकास परियोजनाओं से जुड़ी क्षेत्र-विशिष्ट पहलों और नवाचारों पर अपने विचार साझा किए।

स्मार्ट पहलों की जानकारी
एनडीएमसी की एमओएच डॉ. शकुंतला श्रीवास्तव ने स्मार्ट पहलों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल थे:
- एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र (ICCC)
- स्मार्ट ई-लर्निंग पहलें
- सौर ऊर्जा परियोजनाओं द्वारा हरित ऊर्जा को बढ़ावा
- स्मार्ट पार्किंग और शहर सौंदर्यीकरण
- वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्रोत पर पृथक्करण
- आरआरआर (Reduce, Reuse, Recycle) मॉडल का कार्यान्वयन
उन्होंने अनुपम कॉलोनियों के विकास, सामुदायिक भागीदारी पर आधारित बागवानी और हरित आवरण विस्तार प्रयासों, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रेयर की स्थापना तथा ई-कचरे के वैज्ञानिक निपटान जैसे नवाचारों पर भी प्रकाश डाला।
एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र का दौरा
प्रतिनिधिमंडल ने एनडीएमसी के एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (ICCC) का भी दौरा किया। इस अवसर पर श्री गौरी शंकर अग्रवाल, प्रभारी (ICCC), ने केंद्र की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह अत्याधुनिक सुविधा राजधानी का “डिजिटल मस्तिष्क” है, जहाँ सीसीटीवी कैमरों, वायु गुणवत्ता सेंसर, स्मार्ट स्ट्रीट लाइट, स्वच्छता प्रणालियों और यातायात निगरानी नेटवर्क से प्राप्त वास्तविक समय के डेटा का विश्लेषण किया जाता है।
यह केंद्र एक “वन-स्क्रीन व्यू” प्रदान करता है, जो शहर की स्थिति का समग्र दृश्य प्रस्तुत करता है और सार्वजनिक सुरक्षा, संसाधन प्रबंधन तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया में त्वरित, डेटा-संचालित निर्णय लेने में सहायक होता है। GIS मैपिंग, SCADA इंटीग्रेशन और GPS-आधारित अपशिष्ट प्रबंधन के साथ, एनडीएमसी ने शहरी शासन को दक्षता और सटीकता की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।

प्रतिनिधिमंडल की सराहना
मिज़ोरम के प्रतिनिधिमंडल ने एनडीएमसी की नागरिक-केन्द्रित स्मार्ट सिटी पहलों की सराहना करते हुए कहा कि वे मिज़ोरम की शहरी विकास रणनीतियों में इसी तरह के मॉडल अपनाने के अवसर तलाशेंगे।
धन्यवाद ज्ञापन और निष्कर्ष
कार्यक्रम के अंत में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) के समन्वयक श्री के. के. पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। यह वैचारिक आदान-प्रदान स्वच्छ, हरित और टिकाऊ शहरों के वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाने में ज्ञान-साझेदारी और राष्ट्रीय सहयोग के प्रति एनडीएमसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।