
नई दिल्ली। लाल किला के सामने हुए आतंकी हमले के बाद दिल्ली पुलिस की सतर्कता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। राजधानी के प्रमुख बाजारों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था का हाल यह है कि अधिकांश स्थानों पर इंतज़ाम नाकाफी और लापरवाह दिखे। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो सरोजिनी नगर, गांधीनगर, लक्ष्मी नगर और कनॉट प्लेस जैसे व्यस्त बाजारों की सुरक्षा भगवान भरोसे नजर आई।
हमारी टीम ने दिल्ली के कई प्रमुख बाजारों और सार्वजनिक स्थलों का जायजा लिया, जिसमें चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहरी हिस्से में बिना किसी जांच के वाहन प्रवेश करते दिखे। आनंद विहार रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भी सुरक्षा व्यवस्था ढीली रही। कई जगहों पर लगाए गए सुरक्षा उपकरण काम नहीं कर रहे थे।
सरोजिनी नगर मार्केट..जांच के बिना एंट्री
सरोजिनी नगर मार्केट में सुरक्षा के नाम पर केवल बेरिकेडिंग दिखाई दी। प्रवेश द्वार पर न तो कोई जांच हो रही थी और न ही पुलिसकर्मी तैनात थे। मेटल डिटेक्टर तो लगे थे, लेकिन कोई उनका उपयोग नहीं कर रहा था।
लोग निकास द्वार से भी बिना रोक-टोक अंदर-बाहर आ रहे थे। मार्केट में बनी पुलिस की मचानें खाली पड़ी थीं।
सदर बाजार: सुरक्षा से ज्यादा अतिक्रमण पर ध्यान
सदर बाजार में दिल्ली पुलिस ने अवैध रेहड़ी-पटरी के खिलाफ कार्रवाई तो की, लेकिन सुरक्षा के मोर्चे पर कोई खास सतर्कता नहीं दिखाई दी। किसी भी प्रवेश द्वार पर जांच नहीं हो रही थी। लोग और वाहन बिना किसी रोक-टोक के घूम रहे थे। ई-रिक्शा और वाहनों की भीड़ के कारण यातायात भी धीमा पड़ा रहा।
लाजपत नगर और लक्ष्मी नगर: वही पुराना हाल
लाजपत नगर और लक्ष्मी नगर जैसे भीड़भाड़ वाले बाजारों में भी स्थिति लगभग वैसी ही रही। न तो कोई सख्त जांच व्यवस्था दिखी और न ही पर्याप्त पुलिसबल की तैनाती।
बड़ा सवाल: जिम्मेदारी किसकी ?
राजधानी के सबसे व्यस्त बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा में इतनी लापरवाही आखिर क्यों? आतंकवादी हमलों की चेतावनियों के बावजूद इस तरह की ढिलाई चिंताजनक है। सवाल यह है कि ऐसी स्थिति में जिम्मेदारी कौन लेगा — स्थानीय प्रशासन, दिल्ली पुलिस या सुरक्षा एजेंसियां ?