
दिल्ली डेस्क
दिल्ली नगर निगम (MCD) के 12 वार्डों में हुए उपचुनाव के नतीजे 3 दिसंबर 2025 को घोषित हो गए। कुल 12 सीटों पर वोटिंग 30 नवंबर को हुई थी, जिसमें 9 सीटें पहले भाजपा के पास थीं और 3 आम आदमी पार्टी (AAP) के पास। वोटर टर्नआउट 38.51% रहा, जो 2022 के MCD चुनाव (50.47%) से कम था। सबसे ज्यादा वोटिंग चांदनी महल वार्ड में 55.93% दर्ज की गई।
भाजपा ने 7 सीटें जीतकर अपनी मजबूती दिखाई, जबकि AAP को 3 सीटें मिलीं। कांग्रेस को एक सीट मिली, जो पार्टी के लिए राहत की बात है। ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) को भी एक सीट हासिल हुई। MCD की कुल 250 सदस्यीय हाउस में अब भाजपा के पास 122 सीटें हैं (बहुमत के लिए 126 चाहिए), AAP के पास 102, कांग्रेस के पास 9 और अन्य के पास बाकी।
कौन सी जीती हुई सीटें
मुख्य वार्ड जहां जीत दर्ज हुई भाजपा (BJP) 7 शालीमार बाग-बी, द्वारका-बी, ग्रेटर कैलाश, डिचां कला, अशोक विहार, चांदनी चौक, विनोद नगर, आम आदमी पार्टी (AAP) 3 मुंडका, दक्षिणपुरी, नरैना, कांग्रेस (Congress) 1 संगम विहार-ए,ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) 1 चांदनी महल।
पार्टियों का हाल भाजपा की जीत
भाजपा ने 9 में से 7 सीटें बरकरार रखीं और अपनी कुल संख्या 116 से बढ़ाकर 122 कर ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के बाद यह पहला बड़ा टेस्ट था, जो सफल रहा। भाजपा नेता वीरेंद्र सचदेवा ने इसे “जनता का आशीर्वाद” बताया। हालांकि, दो सीटें (जैसे अशोक विहार में कम मार्जिन) पर मुश्किल हुई।
कैसा रहा AAP का प्रदर्शन
AAP ने अपनी 3 सीटों में से 3 ही बरकरार रखीं, लेकिन कुल मिलाकर नुकसान हुआ क्योंकि भाजपा ने कुछ मजबूत इलाकों में सेंध लगाई। AAP नेता ने इसे “ईमानदार प्रयासों का नतीजा” कहा, लेकिन विपक्ष ने “भाजपा की बेईमानी” का आरोप लगाया। AAP की कुल सीटें 99 से घटकर 102 हुईं (कुछ स्रोतों में मामूली उतार-चढ़ाव)।
कांग्रेस की वापसी
कांग्रेस को संगम विहार-ए से एक सीट मिली, जो पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत है। पहले 8 सीटों के साथ संघर्ष कर रही कांग्रेस अब 9 पर पहुंची। सुरेश चौधरी की जीत को “विश्वसनीय प्रयासों की मान्यता” बताया गया। अन्य में AIFB की चांदनी महल में जीत एक सरप्राइज रही, जो वामपंथी ताकत को दर्शाती है।
ये उपचुनाव MCD की स्थिरता पर असर नहीं डालेंगे, लेकिन 2027 के पूर्ण MCD चुनाव और भविष्य की राजनीति पर असर डाल सकते हैं। भाजपा बहुमत के करीब पहुंच गई, जबकि AAP-कांग्रेस गठबंधन को झटका लगा। गिनती 10 सेंटरों पर हुई, जहां सुरक्षा कड़ी थी।