दिनांक – 13 जून,2024सेवा मेंसंपादक महोदय / ब्यूरो चीफ भारत में रह रही सीमा मीणा के बच्चों को ले जाने के लिए कानूनी प्रक्रिया जानबूझकर शुरू की गई है, जिससे सीमा के साथ आए बच्चों खासकर तीनों बेटियों को लेकर मानव तस्करी के द्वारा विदेशों में बेचा जा सके और इसलिए भारत में बर्नी इंटरनेशनल ट्रस्ट जोकि पाकिस्तान से संचालित होता है।भारत के कुछ तथाकथित लोगों को इस कार्यवाही में स्पेशल अटॉर्नी लेटर देकर शामिल करके, विभिन्न अदालतों में केस डालकर सीमा मीणा का शारीरिक, मानसिक, आर्थिक शोषण करके उसके बच्चों को लेकर मानव तस्करी के आधार पर बेचा जा सके। उक्त विचार सीमा सचिन मीणा के सुप्रीम कोर्ट के जानें माने वकील डॉ. ए पी सिंह व सीमा मीणा के पति सचिन मीणा ने दिल्ली स्थित कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में व्यक्त किए हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि इसी तरीके से मानव तस्करी कर रहे । पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता सारिम बर्नी को अमेरिका सरकार की शिकायत के आधार पर मानव तस्करी के आरोप में फेडरल जांच एजेंसी (एफ आई ए) की मानव तस्करी विरोधी टीम ने बर्नी को विदेश से लैंड करते ही करांची हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया है।बर्नी पर आरोप है कि उसने 25 से भी अधिक बच्चों की तस्करी करके अमेरिका भेजा है और अवैध रूप से बच्चों को बेचा गया है, गिरफ्तारी के कुछ समय पहले से ही एफआइए ने बर्नी की गतिविधियों पर नजर बना रखी थी, बर्नी इंटरनेशनल फेडरल ट्रस्ट चलाता है।एफआईआर संख्या ० 126/2024 बर्नी और उसके अन्य साथियों के खिलाफ धारा 420,468,471,109 पाकिस्तान पीनल कोड और धारा 3,4,5 मानव तस्करी विरोधी एक्ट 2018 के अंतर्गत दर्ज करके गिरफ्तार किया गया और इस षडयंत्र में बसत अली खान, हमैरा नाज़ तथा अन्य शामिल हैं।इन लोगों ने पाकिस्तानी फैमिली कोर्ट जिला ईस्ट करांची में भी झूठे कागज़ात तथ्य देकर इसी तरह अन्य लड़कियों का भी नकली कागजों के आधार पर गोद लिया था और बाद में बेच दिया था।एफआईए के मुताबिक यूएस कांसोलेट जनरल ने लगभग डेढ़ साल से इस पर जांच शुरू करवाई जिसमे 18 बच्चों को अवैध रूप से गोद लेकर बेचा गया जबकि एफआइए ने उपरोक्त बच्चों को तलाश भी कर लिया है।इसी संस्थान ने जानबूझकर सोची समझी साजिश के तहत गुलाम हैदर से संपर्क करके उसके बच्चों के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू करवाई गई , इसके लिए बड़ी मात्रा में भारत के कुछ तथा कथित लोगों को भारी मात्रा में फंडिंग की गई और इसी तरह से पाकिस्तान में उस समय बंद सरबजीत को छुड़ाने के लिए उसकी बहन से इसी बर्नी ट्रस्ट ने 25 करोड़ रुपए और 2 करोड़ रुपए की अलग से मांग अवैध रूप से की थी, इस बात का खुलासा सरबजीत की बहन ने भारत वापस आने के बाद मीडिया के सामने सार्वजनिक तौर पर कहा था की आज अगर हमारे पास 25 करोड़ रुपए होते तो बर्नी ट्रस्ट के मुताबिक शाम को पैसे दो सुबह सरबजीत मुक्त हो जाता जिसका मीडिया बाइट उपलब्ध है, जिससे साफ पता चलता है की सीमा के बच्चों को लेने में गुलाम हैदर का पहले से कोई सोच नही थी क्योंकि जो व्यक्ति चार साल तलाक के बाद और चौथी बेटी के जन्म के बाद उसको देखने तक नहीं आया हो वो एका एक क्यों बच्चों की मांग करेगा इसलिए यही बर्नी ट्रस्ट बच्चों की तस्करी हेतु सीमा के चारों बच्चों को लेने की झूठी साजिशन स्वार्थपूर्ण कानूनी प्रक्रिया कर रहे हैं। जबकि मां ही जानती है बच्चों को कैसे जन्म देते है और बेटियों की तो मां ही संरक्षक होती और खासकर भारत में जहां बेटियों की पूजा की जाती है, और बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ और बेटी को डॉक्टर वकील बनाओ का नारा दिया जाता है । नवरात्रियों में बेटियों की देवी स्वरूपा पूजा की जाती है उनसे गृह प्रवेश कराया जाता है। उस देश में ऐसे लोगों के खिलाफ और बर्नी इंटरनेशनल ट्रस्ट जैसों के खिलाफ तथा बाहर के साजिसकर्ताओं तथा भारत के तथाकथित लोग विदेश भारी मात्रा में पैसे लेकर देश के बच्चों को और उनके परिवार वालों के खिलाफ साजिश और षणयंत्र कर रहे हों उन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी करके कठोर से कठोर कार्यवाही की जाई।निवेदक सचिन मीणा पिता नेत्रपाल मीणामीना ठकुराना, रबूपुरा गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश
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