Written by– Sakshi Srivastava
बिल्कुल सही कहा आपने। “डिजिटल अरेस्ट” जैसे नए प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में लोगों को जागरूक रहना बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ का मंत्र साइबर सुरक्षा के लिए एक प्रभावी उपाय है, जिससे लोग बिना सोच-समझे किसी भी कॉल या संदेश पर प्रतिक्रिया न दें। ऐसे मामलों में सतर्कता और सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है, ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके।
आखिर क्या है डिजिटल अरेस्ट।
आपको बता दें पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर लोगों को जागरूक करने का सही कदम उठाया। वीडियो के माध्यम से ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं को दर्शाना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे लोग समझ पाते हैं कि धोखाधड़ी कैसे होती है। ये फ्रॉड लोग विभिन्न सरकारी संस्थाओं के अधिकारियों का रूप धरकर लोगों को भयभीत करते हैं, जिससे वे बिना सोचें-समझे पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस खतरनाक खेल को पहचानना और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है, ताकि हम सब सुरक्षित रह सकें।
आप डिजिटल अरेस्ट कैसे हो सकते है आपको इसके तरीके बताते है।
आप डिजिटल अरेस्ट का शिकार कैसे हो सकते हैं, इसे समझना बेहद जरूरी है। यहां कुछ सामान्य तरीके दिए गए इसको ध्यान से पढ़िए।
- फर्जी कॉल: धोखाधड़ी करने वाले फोन कॉल के जरिए खुद को पुलिस, सीबीआई या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर आपको धमका सकते हैं।
- भ्रामक संदेश: वे आपको संदेश भेजकर बताते हैं कि आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई हो रही है, जिससे आप घबरा जाते हैं।
- डर का उपयोग: आपके डर का लाभ उठाकर वे आपको पैसे ट्रांसफर करने या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के लिए मजबूर करते हैं।
- सामाजिक इंजीनियरिंग: वे आपकी जानकारी इकट्ठा करने के लिए विभिन्न तरीकों से संपर्क करते हैं, जैसे कि सोशल मीडिया या ईमेल।
- तत्काल निर्णय लेने का दबाव: अक्सर, वे आपसे तात्कालिक निर्णय लेने के लिए कहते हैं, ताकि आप सोचने का समय न पाएँ।
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी जी ने इससे बचने के 3 स्टेप समझाए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में डिजिटल सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ का मंत्र साझा किया। इस मंत्र के तहत, उन्होंने लोगों को डिजिटल दुनिया में सतर्क रहने के लिए तीन सरल कदम बताए, जिससे वे ऑनलाइन खतरों से बच सकें। आइए जानते हैं इन कदमों के बारे में।
- रुको (Stop)
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले ठहरकर सोचें। यह सुनिश्चित करें कि आप क्या साझा कर रहे हैं और उसका प्रभाव क्या हो सकता है। किसी भी अनजान लिंक या संदेश पर तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें।
- सोचो (Think)
किसी भी कार्रवाई से पहले उसके संभावित परिणामों पर विचार करें। क्या यह जानकारी सुरक्षित है? क्या आप इसके प्रभावों को समझते हैं? सोच-समझकर निर्णय लेना आपको कई तरह के डिजिटल अपराधों से बचा सकता है।
- एक्शन लो (Take Action)
यदि आप किसी संदिग्ध गतिविधि का सामना करते हैं, तो तुरंत उचित कदम उठाएं। अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें, अपने पासवर्ड बदलें और अगर आवश्यक हो तो पुलिस या संबंधित एजेंसियों से संपर्क करें।
ये तीन स्टेप फॉलो करके आप डिजिटल अरेस्ट से बच सकते है।