Written by– Sakshi Srivastava
कुंभ मेला एक धार्मिक उत्सव है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। हाल ही में, अखाड़ा परिषद ने मुस्लिम व्यापारियों पर मेले में व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाया। इस फैसले से मौलाना खफा हैं और उन्होंने परिषद से यह निर्णय वापस लेने की मांग की है।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने अखाड़ा परिषद के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें महाकुंभ मेले में मुसलमानों के व्यापार पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने इसे धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव के खिलाफ बताया है। महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में होगा, और इस विवाद के बीच विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने महाकुंभ के संदर्भ में अखाड़ा परिषद के उस प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें मुसलमानों के व्यापार पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों के लिए चिंता का विषय है और यह धार्मिक सहिष्णुता को कमजोर करने के साथ ही समाज में विभाजन का कारण भी बन सकता है। उन्होंने महाकुंभ के शांतिपूर्ण संपन्न होने की कामना की है।
मौलाना का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध न केवल धार्मिक सहिष्णुता को कमजोर करते हैं, बल्कि समाज में बंटवारे का कारण भी बनते हैं। वे यह भी कहते हैं कि कुंभ मेला एक ऐसा अवसर है, जहाँ सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर त्योहार मनाते हैं, इसलिए सभी को इसमें भाग लेने का समान अधिकार होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि कुंभ मेले में मुसलमानों को भाग लेने या व्यापार करने की अनुमति न देना सामाजिक एकता के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्होंने इसे धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव के खिलाफ बताया, जो हमारे देश की नींव हैं। उनके अनुसार, ऐसे फैसले समाज को तोड़ने की दिशा में ले जाते हैं और यदि विभाजन पैदा होता है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव देश की एकता और विकास पर पड़ेगा।
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया कि वह अखाड़ा परिषद के इस प्रकार के निर्णयों पर नियंत्रण रखे और समाज में सद्भाव बनाए रखने के लिए इन फैसलों को वापस ले। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति से हों, एक साथ मिलकर रहने का हक है। यदि हम एकजुट नहीं होंगे, तो देश गंभीर संकट में पड़ सकता है।
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में होगा, जिसमें देश भर से लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। यह आयोजन 12 साल के अंतराल पर होता है, और इसकी तैयारियों का सिलसिला पहले से ही शुरू हो चुका है।
अखाड़ा परिषद के इस फैसले के खिलाफ मौलाना ने व्यापक विरोध का आह्वान किया है। उनका मानना है कि समाज में एकता और भाईचारा बनाए रखना आवश्यक है। मौलाना ने परिषद से अपील की है कि वे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और सभी व्यापारियों को समान अवसर दें।
इस मुद्दे ने धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक एकता के महत्व को फिर से उजागर किया है। उम्मीद है कि इस विवाद का समाधान जल्द निकलेगा और सभी समुदाय मिलकर कुंभ मेले का आनंद उठा सकेंगे।