कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिनका जीवन साहस, नेतृत्व और नारी शक्ति का प्रतीक है। हाल ही में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मीडिया को ब्रीफिंग देकर देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कर्नल सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ था। उन्होंने महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (MSU) से बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उनकी परदादी का संबंध रानी लक्ष्मीबाई से था, जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की अग्रणी थीं। उनके दादा भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षक के रूप में सेवा कर चुके हैं, और उनके पति मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं ।
सैन्य करियर
सोफिया कुरैशी ने 1999 में भारतीय सेना के सिग्नल कोर में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत सेवा शुरू की। वह भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बनीं, जिन्होंने 2016 में ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। इस अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया, और वह एकमात्र महिला कमांडर थीं ।
उन्होंने 2006 में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में भी सेवा दी, जहाँ उन्होंने शांति स्थापना और मानवीय सहायता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
ऑपरेशन सिंदूर
7 मई 2025 को, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इस ऑपरेशन की सफलता की जानकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 25 मिनट में पूरा हुआ, जिसमें आतंकवादियों के नौ ठिकानों को नष्ट किया गया ।
प्रेरणा का स्रोत
कर्नल सोफिया कुरैशी की कहानी भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी उपलब्धियाँ दिखाती हैं कि समर्पण, साहस और नेतृत्व से कोई भी महिला सेना में उच्च पदों तक पहुँच सकती है।
उनकी जीवनी पर आधारित एक वीडियो रिपोर्ट नीचे दी गई है: