
सरल डेस्क
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 25 जुलाई को आयोजित कांग्रेस के ‘भागीदारी न्याय महासम्मेलन’ में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के मुद्दों पर अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि 2004 से राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद, उन्होंने OBC समुदाय की समस्याओं और इतिहास को गहराई से नहीं समझा, जिसके कारण वह उनकी रक्षा उतनी प्रभावी ढंग से नहीं कर सके, जितनी जरूरी थी। राहुल ने इसे अपनी व्यक्तिगत गलती बताया, न कि कांग्रेस पार्टी की, और इसे सुधारने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर वह उस समय OBC की पीड़ा समझ पाते, तो UPA शासनकाल में ही जातिगत जनगणना करवा लेते।
OBC के लिए जातिगत जनगणना पर जोर
राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा की गई जातिगत जनगणना को “राजनीतिक भूकंप” करार दिया, जिसका प्रभाव भविष्य में दिखेगा। उन्होंने कहा कि डेटा 21वीं सदी का “तेल” है, और तेलंगाना मॉडल ने इसे साबित किया है।
उन्होंने दावा किया कि OBC, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों की वास्तविक स्थिति को केंद्र सरकार छिपाना चाहती है, और कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना कराने की योजना है।
पीएम मोदी पर निशाना
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं। वो तो बस अपने प्रचार का एक शो हैं। उनके पास असली ताकत नहीं है।” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी को मीडिया और कुछ ताकतों ने “सिर पर चढ़ा रखा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “मोदी ने OBC समुदाय के लिए कोई ठोस काम नहीं किया, और जब जातिगत जनगणना की बात आती है, तो वह कहते हैं कि “देश में केवल एक जाति है—गरीब।”
राहुल गांधी का RSS पर हमला
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को OBC समुदाय का “सबसे बड़ा दुश्मन” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि RSS और BJP ने OBC, दलित, और आदिवासी समुदायों के इतिहास को जानबूझकर मिटाने की कोशिश की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी RSS और BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि ये संगठन OBC, SC/ST, और महिलाओं को वोटिंग का अधिकार देने के खिलाफ थे, और अब मतदाता सूची में बदलाव (SIR) के जरिए गरीबों के अधिकार छीनने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस की नई रणनीति
राहुल गांधी ने OBC की लड़ाई को अपनी प्राथमिकता बताया और कहा कि कांग्रेस अब सामाजिक न्याय के मुद्दों को केंद्र में रखेगी। उन्होंने तेलंगाना मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि यह डेटा आधारित नीतियों का आधार बनेगा। सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे दिग्गज नेताओं ने भी हिस्सा लिया, जिससे इस आयोजन का राजनीतिक महत्व बढ़ गया।
कांग्रेस की नई रणनीति का हिस्सा
राहुल गांधी का यह बयान कांग्रेस की नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य OBC वोटरों को आकर्षित करना और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर पार्टी की प्रतिबद्धता को मजबूत करना है। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद जातिगत जनगणना की मांग को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों जैसे RJD का समर्थन बढ़ा है। सरकार ने भी अगली जनगणना में जाति कॉलम जोड़ने का ऐलान किया है, जो इस मुद्दे की प्रासंगिकता को दर्शाता है।
राहुल गांधी ने OBC समुदाय के प्रति अपनी पिछली कमियों को स्वीकार करते हुए जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय को अपनी प्राथमिकता बताया। उन्होंने पीएम मोदी को प्रचार का “शो” और RSS को OBC का विरोधी करार देकर अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट किया। यह कदम OBC वोटरों को लामबंद करने और BJP-RSS के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
आप भी सुनिए क्या बोले कांग्रेस कार्यकर्ता