
सरल डेस्क
भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी और गड़बड़ियों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) ने 2.5 करोड़ से अधिक यूजर आईडी को डीएक्टिवेट कर दिया है। यह फैसला संदिग्ध बुकिंग पैटर्न और फर्जी यूजर्स की पहचान के बाद लिया गया, जिसका उद्देश्य टिकट बुकिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाना और आम यात्रियों को कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 25 जुलाई को राज्यसभा में इसकी जानकारी दी।
क्यों डीएक्टिवेट की गईं 2.5 करोड़ IRCTC आईडी ?
डेटा विश्लेषण के दौरान पाया गया कि कई यूजर आईडी फर्जी या संदिग्ध थीं, जिनका इस्तेमाल बॉट्स या एजेंट्स द्वारा तत्काल टिकट बुकिंग में गड़बड़ी के लिए किया जा रहा था। अक्सर तत्काल बुकिंग विंडो खुलते ही टिकट कुछ मिनटों में खत्म हो जाते थे, क्योंकि बॉट्स और एजेंट्स सिस्टम का दुरुपयोग कर टिकट बुक कर लेते थे। इससे आम यात्रियों को टिकट मिलने में दिक्कत होती थी।
रेलवे ने इस कदम से टिकट बुकिंग को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया है, ताकि वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता मिले।
रेलवे टिकट बुकिंग के नए नियम
रेलवे ने टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और बेहतर करने के लिए कई बदलाव लागू किए हैं, जो 1 जुलाई 2025 से प्रभावी हैं। इनमें शामिल हैं:आधार ऑथेंटिकेशन अनिवार्य:तत्काल टिकट बुकिंग के लिए IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक करना जरूरी है। 15 जुलाई 2025 से, आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। इससे फर्जी अकाउंट्स का उपयोग रुकने और असली यात्रियों को टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी। तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक एजेंट्स को टिकट बुक करने से रोका गया है। यह नियम आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के लिए लागू किया गया है।
वेटिंग लिस्ट में बदलाव
AC कोच में वेटिंग लिस्ट की सीमा को 25% से बढ़ाकर 60% कर दिया गया है। नॉन-AC और सेकंड क्लास कोच में वेटिंग लिस्ट की सीमा को बर्थ क्षमता का 30% तक संशोधित किया गया है। किसी भी कोच में कुल सीटों के 25% से अधिक वेटिंग टिकट जारी नहीं होंगे। उदाहरण के लिए, 100 सीटों वाले कोच में अधिकतम 25 वेटिंग टिकट होंगे। रिजर्वेशन चार्ट अब ट्रेन के प्रस्थान से 24 घंटे पहले तैयार होगा, पहले यह 4 घंटे पहले बनता था। इससे वेटलिस्टेड यात्रियों को टिकट की स्थिति पहले पता चल जाएगी। दोपहर 2 बजे से पहले चलने वाली ट्रेनों का चार्ट रात 9 बजे तैयार होगा।
एडवांस बुकिंग अवधि
1 नवंबर 2024 से, टिकट बुकिंग की अग्रिम अवधि (ARP) 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी गई है। यह नियम AC और नॉन-AC दोनों श्रेणियों पर लागू है। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन की अवधि में कोई बदलाव नहीं है। पहले इमरजेंसी कोटा के तहत टिकट यात्रा के दिन ही बुक किए जा सकते थे, लेकिन अब इसके लिए एक दिन पहले आवेदन करना होगा। यात्रा के दौरान खाना ऑर्डर करने की सुविधा 8 फरवरी 2025 से शुरू हो चुकी है, जो पहले केवल प्री-बुकिंग तक सीमित थी। PRS काउंटरों पर डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध है।
IRCTC का AI-पावर्ड चैटबॉट AskDISHA 2.0 आवाज के जरिए टिकट बुकिंग और कैंसिलेशन की सुविधा देता है।
इन बदलावों का प्रभाव यात्रियों के लिए राहत
तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता बढ़ने से आम यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी।रेलवे ने वेटिंग लिस्ट को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने और ट्रेनों में अतिरिक्त डिब्बे जोड़ने की योजना बनाई है। VIKALP और अपग्रेडेशन स्कीम भी यात्रियों को कन्फर्म सीट दिलाने में मदद करेंगी।
रेलवे को उम्मीद है कि इन बदलावों से सालाना 900 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। एडवांस बुकिंग अवधि कम होने से IRCTC की ब्याज और कैंसिलेशन से होने वाली आय कम हो सकती है, जिसका असर इसके शेयरों पर भी देखा गया है।
वेटिंग लिस्ट समाप्त करने की योजना
रेलवे अगले 5-6 वर्षों में वेटिंग लिस्ट की समस्या को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में काम कर रहा है।रेलवे अपनी सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल कर रहा है, जैसे AskDISHA 2.0 चैटबॉट।मांग बढ़ने पर रेलवे विशेष ट्रेनें संचालित करता है और लोकप्रिय मार्गों पर अतिरिक्त कोच जोड़े जाते हैं।
IRCTC द्वारा 2.5 करोड़ यूजर आईडी डीएक्टिवेट करना और नए नियम लागू करना रेलवे की टिकट बुकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। ये बदलाव आम यात्रियों को कन्फर्म टिकट प्राप्त करने में मदद करेंगे और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाएंगे। यात्रियों को इन नए नियमों को समझकर अपनी यात्रा की योजना पहले से बनानी चाहिए।