
सरल डेस्क
दिल्ली वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान और 10 अन्य लोगों के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप तय किए हैं। यह मामला 2016 से 2021 के बीच दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमित नियुक्तियों और वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जब खान बोर्ड के अध्यक्ष थे।
आरोपों की प्रकृति-सीबीआई जांच
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2016 से 2021 के बीच वक्फ बोर्ड में 41 नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। इनमें से केवल 22 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किए गए थे, जबकि शेष को अनौपचारिक रूप से खान के निर्देश पर नियुक्त किया गया। इन नियुक्तियों से बोर्ड को 27.2 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ।
खान का आपराधिक षड्यंत्र
कोर्ट ने खान और अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) और 13(2) के तहत आरोप तय किए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने खान पर आरोप लगाया कि उन्होंने अवैध नियुक्तियों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के अनुचित पट्टों से 36 करोड़ रुपये की राशि का हेरफेर किया, जिसे रियल एस्टेट में निवेश किया गया। आरोपियों के नाम ‘अमानतुल्लाह खान के साथ महबूब आलम, हामिद अख्तर, किफायतुल्लाह खान, रफीशान खान, इमरान अली, मोहम्मद अहरार, आकिब जावेद, अजहर खान, जाकिर खान, और अब्दुल मन्नार पर भी आरोप तय किए गए हैं।
रिश्तेदारों की अवैध नियुक्तियां
सीबीआई का दावा है कि “खान ने अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों को बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियमों का उल्लंघन करके नियुक्त किया। उदाहरण के लिए, बोर्ड के सीईओ सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां बिना पारदर्शी प्रक्रिया के की गईं। कुछ नियुक्तियों को वैध दिखाने के लिए उर्दू अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किए गए, लेकिन यह केवल औपचारिकता थी।इन अनियमित नियुक्तियों से वक्फ बोर्ड को 27.2 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
ईडी ने आरोप लगाया कि “खान ने अपने सहयोगियों (जीशान हैदर, दाऊद नासिर, और कौसर इमाम सिद्दीकी) के माध्यम से अवैध धन को ओखला और तिकोना पार्क में संपत्तियों में निवेश किया। एक डायरी में दर्ज 27 करोड़ रुपये के नकद लेनदेन का भी उल्लेख है। सीबीआई ने अगस्त 2022 में खान और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे 18 जुलाई 2025 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट के साथ मजबूत किया गया।
ईडी की गिरफ्तारी
ईडी ने 2 सितंबर 2024 को खान को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन नवंबर 2024 में अभियोजन स्वीकृति की कमी के कारण राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 जुलाई को खान और 10 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार और साजिश के आरोप तय किए। अब इस मामले में ट्रायल शुरू होगा।
खान पर जामिया नगर में एक अपराधी, शाहबाज खान, को पुलिस हिरासत से भगाने में मदद करने का भी आरोप है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की 11 धाराओं के तहत FIR दर्ज की है, जिसमें दंगा भड़काने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप शामिल हैं। कोर्ट ने 24 फरवरी 2025 तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, लेकिन उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने का आदेश दिया गया है।
अमानतुल्लाह खान का पक्ष
अमानतुल्लाह खान ने दावा किया है कि “उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं और वे अपने विधानसभा क्षेत्र में ही मौजूद हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर गलत तरीके से फंसाने का आरोप लगाया है। खान ने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि उनकी हिरासत “प्रतिशोध की बू” देती है।
अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार मामले और अन्य आपराधिक आरोपों के कारण बढ़ गई हैं। सीबीआई और ईडी की जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने का दावा किया गया है, और कोर्ट द्वारा आरोप तय होने के बाद अब ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा, पुलिस हिरासत से अपराधी को भगाने के आरोप ने उनकी स्थिति को और जटिल कर दिया है। यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों दृष्टिकोण से चर्चा में बना हुआ है।