
यूपी डेस्क
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के पचपेड़वा थाना क्षेत्र में स्थित विमला विक्रम अस्पताल में 25/26 जुलाई को एक 28 वर्षीय महिला मरीज के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक घटना सामने आई है। पीड़िता सीने में दर्द की शिकायत के लिए अस्पताल में इलाज कराने गई थी। आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारी (कंपाउंडर) योगेश पांडे ने इलाज के बहाने महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। जब वह अचेत हो गई, तब उसके साथ रेप किया गया। यह घटना सुबह लगभग 4 बजे आईसीयू में हुई।
आरोपी योगेश पांडे गिरफ्तार
होश में आने के बाद पीड़िता ने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी, जिन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी योगेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया। अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज में यह वारदात कैद हो गई, जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की पुष्टि की और जांच शुरू की। बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने बताया कि “मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की गई।
अस्पताल प्रबंधन पर सवाल
इस घटना ने विमला विक्रम अस्पताल के प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह अस्पताल समाजवादी पार्टी के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सलिल सिंह टीटू का बताया जाता है। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। देशभर में अस्पतालों में मरीजों के साथ ऐसी आपराधिक घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, जैसे कि अलवर, जयपुर, और कोलकाता में हुई समान घटनाएं। इन मामलों ने चिकित्सा संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता बढ़ा दी है। यह घटना न केवल एक आपराधिक कृत्य है, बल्कि चिकित्सा सेवा जैसे पवित्र पेशे पर भी धब्बा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, और मामले की गहन जांच जारी है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अस्पतालों में कड़ी सुरक्षा और कर्मचारी पृष्ठभूमि की जांच अनिवार्य होनी चाहिए।