
सरल डेस्क
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक मिसाल बताया। उन्होंने अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकी हमले को कायराना और अमानवीय करार दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को निर्णायक तरीके और अडिग संकल्प के साथ अंजाम दिया गया, जिसने साबित किया कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं किसी भी परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तैयार हैं।
राष्ट्रपति ने इस अभियान को आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मील का पत्थर बताया, जो इतिहास में दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि यह भारत की एकजुटता और त्वरित प्रतिक्रिया का प्रतीक है।
सशस्त्र बलों की ताकत
ऑपरेशन ने दिखाया कि भारतीय सेनाएं राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। राष्ट्रपति ने ऑपरेशन सिंदूर को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन का एक सफल उदाहरण बताया, जो सही दिशा में प्रगति को दर्शाता है। पहलगाम हमले के बाद देश ने एकजुट होकर जवाब दिया, जो उन ताकतों के लिए करारा जवाब था जो भारत को बांटना चाहती थीं।
क्या हैं अन्य उपलब्धियां
राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, अंतरिक्ष कार्यक्रम (शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यात्रा), और खेलों में भारत की प्रगति (विशेष रूप से शतरंज) की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के तहत भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने की उम्मीद जताई।
अन्य उल्लेखनीय बिंदु
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आक्रामक नहीं होगा, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगा। ऑपरेशन सिंदूर में शामिल 36 वायु सैनिकों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। संबोधन का पूरा पाठ हिंदी और अंग्रेजी में राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक X हैंडल पर उपलब्ध है। राष्ट्रपति का यह संबोधन भारत की सुरक्षा, एकता, और आत्मनिर्भरता के प्रति दृढ़ संकल्प को रेखांकित करता है, साथ ही युवाओं और विभिन्न क्षेत्रों में देश की प्रगति पर गर्व जताता है।