
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के निवास पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई दिल्ली में अस्पताल निर्माण घोटाले (Delhi Hospital Construction Scam) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की गई है। ED ने कुल 13 स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें सौरभ भारद्वाज का घर, अन्य AAP से जुड़े व्यक्ति और कंपनियां शामिल हैं।
घटना कब और कहां ?
छापे आज सुबह से शुरू हुए। ED की टीमें सौरभ भारद्वाज के दक्षिण दिल्ली स्थित निवास पर पहुंचीं। इसके अलावा, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 12 अन्य जगहों पर भी सर्च चल रही हैं, जिनमें रामासिविल इंडिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (वेस्ट पटेल नगर) जैसी कंपनियां शामिल हैं। ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की धारा 17 के तहत ये कार्रवाइयां की हैं।
क्या बरामद हुआ ?
अभी तक ED ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सर्च के दौरान दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। छापों का फोकस कथित रूप से 5,500-5,590 करोड़ रुपये के फंड के दुरुपयोग पर है। सौरभ भारद्वाज AAP के विधायक हैं और 2023-2024 तक दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। ED का दावा है कि घोटाले का समय उनके मंत्री काल से जुड़ा है, हालांकि AAP का कहना है कि केस का पीरियड तब का है जब सौरभ मंत्री नहीं थे।
अस्पताल निर्माण घोटाले (What is Delhi Hospital Construction Scam?)
यह घोटाला दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा है, जहां अस्पतालों के निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटित फंड्स का कथित दुरुपयोग हुआ। मुख्य बिंदु:राशि: लगभग 5,590 करोड़ रुपये का फंड मिसयूज का आरोप। यह दिल्ली में नए अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण के लिए था।
ED के अनुसार, AAP सरकार के दौरान टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं। निर्माण कंपनियों को अनुचित लाभ दिया गया, और फंड्स का इस्तेमाल गैर-उद्देश्य के लिए किया गया। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जी बिलिंग और कमीशन का मामला शामिल है।
कैसे शुरू हुआ ?
मामला मूल रूप से CBI या दिल्ली सरकार की ACB (एंटी-करप्शन ब्रांच) की जांच से जुड़ा हो सकता है, जो ED को PMLA के तहत ट्रांसफर हो गया। यह घोटाला 2023-2024 के स्वास्थ्य बजट से संबंधित है, जब सौरभ भारद्वाज मंत्री थे। AAP नेताओं पर पहले भी ED के छापे हुए हैं, जैसे सत्येंद्र जैन केस में, जहां बाद में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की गई। AAP इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है।
AAP की प्रतिक्रिया
AAP संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि “सौरभ भारद्वाज के घर ED की रेड मोदी सरकार द्वारा एजेंसीज के दुरुपयोग का एक और मामला है। मोदी सरकार आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ गई है। जिस तरह “आप” को टारगेट किया जा रहा है, ऐसे इतिहास में किसी पार्टी को नहीं किया गया।”
AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि “ये छापे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद से ध्यान भटकाने के लिए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा “जिस पीरियड का केस है, उस समय सौरभ मंत्री ही नहीं थे। ये पूरा केस झूठा है। सत्येंद्र जैन को भी 3 साल जेल में रखने के बाद ED ने क्लोजर रिपोर्ट दी।” AAP इसे BJP की साजिश बता रही है।
बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
BJP नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि “AAP ने दिल्ली और पंजाब में हजारों करोड़ का लूटा। उन्होंने कहा कि यह घोटाला स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करता है।”
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक्स पर लिखा “भ्रष्टाचारियों की जमात में शामिल आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आज जाँच एजेंसी ने मेडिकल घोटाले के मामले में छापेमारी की है।”
विपक्षी दल इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं, जबकि सत्ताधारी BJP इसे भ्रष्टाचार उजागर करने का माध्यम मान रही है।
अब आगे क्या ?
ED की जांच जारी है, और आने वाले दिनों में समन या गिरफ्तारी संभव है। अगर सबूत मिले, तो PMLA के तहत संपत्ति जब्ती हो सकती है। AAP ने कहा है कि वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और इसे अदालत में चुनौती देंगे।