
पंजाब डेस्क
पंजाब में शुरू हुई बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है, जिसे 1988 की विनाशकारी बाढ़ के बाद सबसे खतरनाक माना जा रहा है। यह 37 साल बाद की सबसे भीषण बाढ़ है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी मानसून बारिश, बादल फटने की घटनाओं और डैमों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित किए गए हैं, लेकिन शुरुआत में 12 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित थे। मौसम विभाग ने अगले 48-72 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
क्या है बाढ़ के कारण ?
अगस्त 2025 में पंजाब में सामान्य से 74% अधिक बारिश (253.7 मिमी) दर्ज की गई, जो 25 साल का रिकॉर्ड है। हिमाचल में बादल फटने से नदियों में अचानक उफान आया। भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर डैमों की अधिकतम क्षमता के कारण पानी छोड़ा गया, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ बढ़ी। नदियों की सफाई न होना, बांधों की मरम्मत में देरी, बाढ़ मैदानों पर अतिक्रमण और जलवायु परिवर्तन ने स्थिति को और गंभीर किया।
विशेषज्ञों के मुताबिक, हिमालयी बाढ़ की घटनाएं पिछले छह दशकों में दोगुनी हो गई हैं। 1988 की बाढ़ में 500+ लोगों की मौत हुई थी। 2025 की बाढ़ को जलवायु परिवर्तन से प्रेरित “सदी की सबसे खराब” आपदा माना जा रहा है।
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
पंजाब के 1,400 से अधिक गांव जलमग्न हैं, और 2.5-3.5 लाख लोग प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित 12 जिले और उनकी स्थिति:-

अब तक बाढ़ से कुल प्रभाव
1,018-1,400 गांव प्रभावित; 96,061-1,48,590 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न; 3 लाख एकड़ फसल (धान, मक्का, कपास) बर्बाद। 1,337 सड़कें बंद, स्कूल-कॉलेज बंद (3 सितंबर तक), बिजली-पानी आपूर्ति बाधित। जम्मू-पंजाब रेल मार्ग प्रभावित। हजारों पशु बह गए चारा और दूध उत्पादन प्रभावित।
मानवीय क्षति और मौतें
26-30 (आधिकारिक) पठानकोट (6), होशियारपुर, अमृतसर, लुधियाना, मानसा, रूपनगर, बरनाला (3-3)। लापता 3 (पठानकोट)। सैकड़ों; जलजनित रोग (डायरिया, मलेरिया) फैल रहे हैं। 11,330-20,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर; 77-122 राहत कैंपों में 4,729-6,582 लोग। फिरोजपुर (8 कैंप, 3,450 लोग), होशियारपुर (20 कैंप, 478 लोग)।
राहत और बचाव सरकारी प्रयास
एनडीआरएफ/एसडीआरएफ: 23+2 टीमें तैनात; गुरदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर में सक्रिय। सेना/वायुसेना 12 कॉलम, 35 हेलीकॉप्टर, 100+ नावें। गुरदासपुर में 27 लोगों को हेलीकॉप्टर से बचाया।
बीएसएफ/पुलिस ड्रोन से दवाएं-खाना वितरण। 400 मेडिकल कैंप फिरोजपुर में 8,700 मरीजों का इलाज। क्लोरीन टैबलेट, ORS वितरित। सीएम भगवंत मान ने फिरोजपुर का दौरा किया, केंद्र से 60,000 करोड़ की मांग। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने तरनतारन-फिरोजपुर का दौरा।
केंद्र से पूर्ण सहायता का आश्वासन
पीएम मोदी ने 1 सितंबर को पंजाब सीएम से बात की और केंद्र से पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया। केंद्र सरकार ने पंजाब बाढ़ पीड़ितों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान 4 सितंबर को दौरा करेंगे। इंटर-मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीम गठित की गई है। पीएम मोदी ने हर संभव सहायता का वादा किया है, जिसमें सेना की मदद भी शामिल हो सकती है। पंजाब ने अतिरिक्त फंड मांगा है।
राहुल गांधी ने विशेष पैकेज की मांग की
सीएम मान ने केंद्र पर देरी का आरोप लगाया विपक्ष (कांग्रेस, BJP) ने AAP पर बांध प्रबंधन में लापरवाही का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने विशेष पैकेज की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा “मोदी जी, पंजाब में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है।”
क्या हैं चुनौतियां और समाधान
बारिश से खतरा फसल नुकसान के लिए “गिरदावरी” शुरू। मुआवजा मांग: प्रति एकड़ 50,000 रुपये। नदी सफाई, बांध मरम्मत, अतिक्रमण हटाना, जलवायु परिवर्तन नीतियां। दान के लिए पंजाब सरकार के खाते या खालसा एड जैसे एनजीओ का उपयोग करें। स्कूल बंद, यात्रा से बचें।