
अनिल गुप्ता
नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने पदभार संभालने के तुरंत बाद कानून व्यवस्था में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। ये बैठकें मुख्य रूप से 22 अगस्त को शुरू हुईं, जब उन्होंने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। यह कदम दिल्ली में हाल के दिनों में बढ़ते अपराधों, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले और सामान्य सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया।
क्यों हुई गोलचा की नियुक्ति !
सतीश गोलचा, 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी (AGMUT कैडर), को 21 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली पुलिस का 26वां आयुक्त नियुक्त किया गया। वे इससे पहले तिहाड़ जेल के महानिदेशक थे। उन्होंने एसबीके सिंह की जगह ली, जिनका कार्यकाल मात्र 21 दिनों का था (1 अगस्त से 21 अगस्त)। यह बदलाव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त को उनके सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान हुए हमले के एक दिन बाद हुआ। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह नियुक्ति हमले से सीधे जुड़ी नहीं है, लेकिन दिल्ली में पिछले 20 दिनों में गोलीबारी, सड़क अपराधों और साइबर फ्रॉड में वृद्धि ने केंद्र सरकार को चिंतित किया था।
गोलचा का अनुभव
गोलचा दिल्ली पुलिस में पहले डीसीपी, जॉइंट सीपी, स्पेशल सीपी (कानून व्यवस्था) और स्पेशल सीपी (इंटेलिजेंस) रह चुके हैं। वे 2020 के उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगों के दौरान कानून व्यवस्था संभाल चुके हैं। इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी (2022-2023) और सीबीआई में संवेदनशील मामलों (जैसे 1984 सिख दंगे, शोपियां रेप केस) की जांच का अनुभव है। उनकी नियुक्ति को सख्त और रणनीतिक नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा है।
कानून व्यवस्था की समीक्षा
सतीश गोलचा ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद (22 अगस्त को सुबह 10:30 बजे) जय सिंह रोड स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगभग 5 घंटे लंबी बैठक की, जो कानून व्यवस्था की समीक्षा पर केंद्रित थी। यह उनकी पहली बड़ी बैठक थी, जिसमें स्पेशल सीपी (जैसे रविंद्र यादव, मधु तिवारी), जॉइंट सीपी, सभी जिलों के डीसीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
साइबर अपराध और यातायात सुरक्षा पर चर्चा
22 अगस्त को दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बैठक हुई। बैठक दो चरणों में हुई पहला चरण (सुबह): कानून व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) और संगठित अपराध पर फोकस। इसमें लॉ एंड ऑर्डर के स्पेशल सीपी और रेंज अधिकारियों ने भाग लिया। दूसरा चरण (शाम) ट्रैफिक प्रबंधन, साइबर अपराध और यातायात सुरक्षा पर चर्चा। कुल अवधि लगभग 5 घंटे।
कानून व्यवस्था की समीक्षा
दिल्ली में अपराध दर, संवेदनशील इलाकों (जैसे डार्क स्पॉट्स) में सुरक्षा, और हालिया घटनाओं (सीएम पर हमला, गोलीबारी) की जांच। महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता, रात्रिकालीन गश्त बढ़ाना, और जनता से संवाद पर जोर। जेलों या विदेश से संचालित गैंगस्टर्स (जैसे हाशिम बाबा गिरोह) पर निगरानी। घोषित अपराधियों, जमानत पर रिहा अपराधियों और दोहराव वाले अपराधियों पर सख्ती।
साइबर अपराध में एफआईआर दर्ज करने में देरी, आर्थिक धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड के मामलों को तेजी से हल करने के निर्देश। पूर्व एसीपी वेद भूषण ने सुझाव दिया कि एफआईआर प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जाए। सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाना, भीड़भाड़ वाले इलाकों (जैसे मथुरा रोड, आईएसबीटी) में दृश्यता बढ़ाना। 100-दिवसीय योजना के तहत बस स्टैंड स्थानांतरण, सड़क मरम्मत और अनधिकृत डंपिंग हटाने पर चर्चा।
भ्रष्टाचार और जनता का विश्वास
सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा में खामियों को दूर करना। गृह मंत्रालय ने सीएम को जेड-कैटेगरी सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान की है। जीरो टॉलरेंस पॉलिसी, थानों में भ्रष्टाचार रोकना, और एसएचओ के 3-वर्षीय कार्यकाल नियम पर पुनर्विचार (जिससे भ्रष्टाचार बढ़ा है)। पीसीआर यूनिट को मजबूत करने के निर्देश।
बैठक के बाद गोलचा ने सीएम रेखा गुप्ता से मुलाकात की। चर्चा में महिला सुरक्षा, रात्रिकालीन नौकरियों में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सहयोग पर जोर दिया गया। सीएम ने कहा कि सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पुलिस का समर्थन चाहती है।
दिए गए निर्देश और रणनीतियां
गोलचा ने बैठक में सख्त निर्देश दिए, जो दिल्ली की कानून व्यवस्था को मजबूत करने पर केंद्रित थे पुलिस सक्रियता बढ़ाना सभी जिलों में गश्त तेज करना, डार्क स्पॉट्स की पहचान और वहां पुलिस उपस्थिति सुनिश्चित करना। पीसीआर वैन की दृश्यता बढ़ाना।
अपराधियों पर कड़ी नजर, तकनीकी-आधारित पुलिसिंग (सर्विलांस, एंटी-ड्रोन, साइबर सिक्योरिटी) को मजबूत करना। कमांडो, बम डिस्पोजल जैसे संसाधनों पर निर्भरता कम करना। थाने पहुंचने वाले हर शिकायतकर्ता का सम्मानजनक व्यवहार, संवेदनशीलता प्रशिक्षण। “We are the best” का मंत्र अपनाते हुए पुलिस की छवि सुधारना। एएपी नेताओं (जैसे सौरभ भारद्वाज) से मुलाकात में ड्रग्स, हमलों और एफआईआर समस्याओं पर चर्चा। पुलिस ने राजनीतिक सहयोग मांगा।
सख्त मुकदमे चलाने के निर्देश
यातायात इकाई को दृश्यता बढ़ाने और उल्लंघनों पर सख्त मुकदमे चलाने के निर्देश (30 अगस्त की अलग बैठक में विस्तार)। 26 अगस्त को कोर टीम में रोहित राजबीर सिंह (डीसीपी क्राइम), विजय कुमार और विक्रम के. पोरवाल को शामिल किया।
गोलचा की नियुक्ति से अपराध नियंत्रण, साइबर फ्रॉड में एफआईआर आसानी, और महिला सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है। उनकी तकनीकी और समुदाय-आधारित पुलिसिंग पर जोर से जनता का विश्वास बढ़ सकता है। बढ़ते साइबर अपराध, जेलों से संचालित गैंग्स, ट्रैफिक जाम, और राजनीतिक हिंसा (जैसे एएपी विधायकों पर हमले)। पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों का अनुभव उन्हें संवेदनशील मामलों में मदद करेगा।
साइबर/सर्विलांस सिफारिशें मांगीं
पिछले 20 दिनों में गोलीबारी और चोरी की घटनाओं में वृद्धि। गोलचा ने 15 दिनों में संसाधन सुधार के प्रस्ताव और 1 महीने में साइबर/सर्विलांस सिफारिशें मांगीं। यह बैठक दिल्ली पुलिस के लिए एक नया अध्याय शुरू करने वाली थी, जिसमें फोकस अपराध रोकथाम और जनता की सुरक्षा पर रहा। यदि कोई नई अपडेट आती है, तो वह वास्तविक समय में ट्रैक की जा सकती है।