
दिल्ली डेस्क
दिल्ली के लाल किला परिसर में 2 सितंबर को एक जैन धार्मिक अनुष्ठान के दौरान करीब 1 करोड़ रुपये कीमत का सोने और रत्नों से जड़ा कलश चोरी हो गया। यह घटना 15 अगस्त पार्क में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई, जो 28 अगस्त से 9 सितंबर तक चल रहा था।
क्या थी कलश की विशेषताएँ ?
चोरी हुआ कलश 760 ग्राम शुद्ध सोने का था, जिसमें 150 ग्राम हीरे, माणिक, और पन्ना जड़े थे। इसकी अनुमानित कीमत 1 करोड़ रुपये है। दिल्ली के कारोबारी सुधीर जैन रोजाना इस कीमती कलश को पूजा के लिए लाते थे। उन्होंने बताया कि चोर ने जैन पुजारी की वेशभूषा में चोरी की।
लोकसभा अध्यक्ष की मौजूदगी
घटना के दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उनके स्वागत के दौरान मंच पर अफरातफरी हुई, और इसी बीच कलश गायब हो गया।
चोरी की घटना सीसीटीवी में कैद हुई, जिसमें संदिग्ध को पुजारी के भेष में मंच से कलश ले जाते देखा गया। दिल्ली पुलिस ने फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान कर ली है और जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जता रही है। पुलिस ने फॉरेंसिक जांच शुरू की है और गवाहों से पूछताछ कर रही है।
सुरक्षा पर सवाल
यह घटना लाल किला परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। पहले भी 15 अगस्त 2025 से पहले एक सिक्योरिटी ड्रिल के दौरान चूक के कारण 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।आयोजकों और श्रद्धालुओं में इस चोरी से हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा का आश्वासन दिया है।
सुधीर जैन के भाई पुनीत जैन ने आरोप लगाया कि संदिग्ध पहले भी चोरी की घटनाओं में शामिल रहा है।पुलिस का मानना है कि “चोर कोई जानकार व्यक्ति हो सकता है, जिसे कलश की कीमत और महत्व का पता था।”
यह चोरी न केवल आर्थिक नुकसान बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली घटना है, जिसने लाल किले की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।