
दिल्ली डेस्क
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट (SRISIIM) और जुड़े आश्रम में आध्यात्मिक गुरु व संस्थान निदेशक के रूप में जाना जाने वाला स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (असली नाम: पार्थ सारथी) पर 17 से अधिक छात्राओं ने गंभीर यौन शोषण, छेड़छाड़ और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। यह मामला 24-25 सितंबर को सामने आया, जब पुलिस ने FIR दर्ज की। स्वामी फरार हैं, और उनकी तलाश में दिल्ली पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं।इस कांड की सबसे चौंकाने वाली परत है स्वामी की कथित ‘लेडी गैंग’—संस्थान की तीन महिला वार्डन, जो छात्राओं पर दबाव डालकर उन्हें स्वामी के ‘हर काम’ के लिए तैयार करती थीं। ये महिलाएं आरोपी बनाई गई हैं, और पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ शुरू कर दी है। आइए, इस मामले की पूरी रिपोर्ट को अध्यायवार एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
स्वामी चैतन्यानंद कौन हैं ?
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (उम्र: लगभग 50 वर्ष) शिकागो बूथ यूनिवर्सिटी से एमबीए और पीएचडी धारक हैं। वे खुद को आध्यात्मिक गुरु बताते थे और SRISIIM चलाते थे, जहां मैनेजमेंट कोर्स के साथ आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती थी। संस्थान में करीब 35 छात्राएं (ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की, जो छात्रवृत्ति पर पढ़ रही थीं) रहती थीं। स्वामी गरीब लड़कियों को निशाना बनाते थे, उन्हें विदेशी टूर, नौकरी और आध्यात्मिक ज्ञान का लालच देते थे।
2009 में डिफेंस कॉलोनी थाने में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का केस, 2016 में वसंत कुंज थाने में एक महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई। कुल 5 मुकदमे दर्ज हैं।
पीड़िताओं के आरोप..क्या-क्या हुआ ?
पुलिस ने 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें 17 ने स्वामी पर सीधे आरोप लगाए। वे देर रात स्वामी के कमरे में बुलाई जातीं, जहां छेड़छाड़, अश्लील वीडियो/मैसेज भेजना, गाली-गलौज और शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला जाता था।
एक छात्रा को स्वामी ने व्हाट्सऐप पर लिखा—”बेबी, मैं तुमसे प्यार करता हूं, तुम आज सुंदर दिख रही हो।” एक अन्य छात्रा ने बताया कि ऋषिकेश ट्रिप पर स्वामी लड़कियों को अकेले बुलाते थे; मना करने पर एग्जाम न देने दिया जाता था।
हिडन कैमरा और ब्लैकमेल
स्वामी के कमरे में गुप्त कैमरे लगे थे। अश्लील मैसेज भेजने के बाद वे डिलीट करवाते थे। छात्राओं को धमकाया जाता—”शिकायत की तो छात्रवृत्ति रद्द, परिवार को बदनाम।” स्वामी मनमाने फैसले लेते, लड़कियों को अलग-थलग रखते। एक पूर्व छात्र ने पत्र लिखकर शिकायत की, जिससे मामला फूटा।
‘लेडी गैंग’ का रोल
तीन महिला वार्डन की साजिश कौन हैं ये महिलाएं ? संस्थान की तीन वरिष्ठ महिला वार्डन (नाम अभी सार्वजनिक नहीं), जो स्वामी की ‘ट्रस्टेड’ सहयोगी थीं। पुलिस के अनुसार, ये स्वामी की ‘लेडी गैंग’ का हिस्सा थीं, जो छात्राओं को ‘तैयार’ करतीं। रात में स्वामी के कमरे भेजना, अश्लील मैसेज डिलीट करवाना।लड़कियों को डरातीं—”बाबा की बात मानो, वरना पढ़ाई रुकेगी।” सूत्रों के मुताबिक, ये वार्डन स्वामी से ‘गहरे रिश्ते’ रखती थीं। गिरफ्तारी के बाद इनकी पूरी भूमिका खुल सकती है। तीनों को आरोपी बनाया गया। नोटिस देकर पूछताछ हो रही है। अगर साजिश साबित हुई, तो गिरफ्तारी निश्चित।
पुलिस जांच और सबूत 300 पन्नों का डोजियर
दिल्ली पुलिस ने POCSO, IPC की धारा 354 (छेड़छाड़), 506 (धमकी) आदि के तहत केस दर्ज किया। शृंगेरी शारदा पीठ (आश्रम) ने भी स्वामी के खिलाफ शिकायत की और सभी संबंध तोड़ लिए। 300 पन्नों का दस्तावेज—व्हाट्सऐप चैट, CCTV फुटेज (कुछ डिलीट), छात्राओं के बयान। आश्रम के बेसमेंट से फर्जी UN नंबर प्लेट वाली वोल्वो कार जब्त। वायु सेना मुख्यालय के एक अधिकारी ने शिकायत ईमेल की। पूर्व छात्र के पत्र से शुरू हुई जांच। स्वामी फरार, लेकिन UP पुलिस की मदद से तलाश। वार्डनों की पूछताछ से नई परतें खुल रही हैं।
समाज पर असर पीड़िताओं का दर्द
ज्यादातर लड़कियां गरीब परिवारों से; कई डिप्रेशन में। आश्रम ने कहा—”स्वामी की अनुचित गतिविधियों से सभी संबंध टूटे।” यह मामला ‘फर्जी बाबाओं’ की साजिशों को उजागर करता है। X (पूर्व ट्विटर) पर #SwamiChaitanyananda ट्रेंड कर रहा, जहां लोग ‘हवस के पुजारी’ कहकर निंदा कर रहे हैं। DCP ने कहा—”पूरी साजिश खोलेंगे। कोई बख्शा नहीं जाएगा।” यह कांड शिक्षा-आध्यात्मिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है।