
स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली:- भारतीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली साइबर क्राइम एजेंसी I4C (Indian Cybercrime Coordination Centre) ने हाल ही में WhatsApp यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को QR कोड स्कैन करने से दूर रहने की सलाह दी गई है, खासकर अगर यह किसी अनजान स्रोत से आया हो। यह चेतावनी ‘म्यूल WhatsApp अकाउंट’ स्कैम से जुड़ी है, जो साइबर ठगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इस स्कैम के कारण हजारों यूजर्स के बैंक अकाउंट खाली हो चुके हैं और फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
स्कैम कैसे काम करता है ?
I4C की एडवाइजरी के अनुसार, साइबर क्रिमिनल्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम या X) पर फेक अकाउंट्स बनाकर लोगों को लुभाते हैं। वे तेजी से कमाई करने या सिंपल टास्क (जैसे “सर्वे भरें” या “ऑनलाइन जॉब”) के बहाने मैसेज भेजते हैं। ट्रिक वे यूजर को एक QR कोड भेजते हैं, जो दिखने में WhatsApp Web का QR कोड जैसा लगता है। यूजर को कहा जाता है कि इसे स्कैन करें ताकि “टास्क पूरा हो” या “पैसे ट्रांसफर हो जाएं”।
क्या होता है स्कैन करने पर ?
जैसे ही QR कोड स्कैन होता है, ठगों को यूजर के WhatsApp अकाउंट का पूरा एक्सेस मिल जाता है। वे यूजर के कॉन्टैक्ट्स को फ्रॉड मैसेज भेज सकते हैं, पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं या अकाउंट को म्यूल अकाउंट (मनी म्यूल – धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाला अकाउंट) बना सकते हैं। यूजर के दोस्तों-रिश्तेदारों को फर्जी मैसेज आते हैं, जैसे “इमरजेंसी में पैसे भेज दो”। इससे न सिर्फ आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि अकाउंट ब्लॉक भी हो सकता है। I4C ने बताया कि यह स्कैम Linked Devices फीचर का गलत इस्तेमाल करता है, जहां QR कोड से अकाउंट को दूसरे डिवाइस से लिंक किया जाता है।
क्या करें और क्या न करें ?
I4C ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं। यहां मुख्य पॉइंट्स हैं करें न करें Linked Devices चेक करें WhatsApp में Settings > Linked Devices पर जाएं। संदिग्ध डिवाइस को Log Out करें। अनजान QR कोड स्कैन न करें, भले ही कमाई का लालच दिया जाए। अपडेट रखें WhatsApp का लेटेस्ट वर्जन इस्तेमाल करें। फेक जॉब ऑफर्स पर भरोसा न करें। हमेशा ऑफिशियल सोर्स चेक करें। रिपोर्ट करें अगर स्कैम का शिकार हो जाएं, तो www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें। अनजान लिंक्स या मैसेज पर क्लिक न करें। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू रखें PIN सेट करें। QR कोड को फॉरवर्ड न करें या शेयर न करें।
एजेंसी ने जोर दिया कि QR कोड सिर्फ विश्वसनीय स्रोत (जैसे ऑफिशियल WhatsApp Web) से ही स्कैन करें। अगर कोई QR कोड “कमाई” के नाम पर आता है, तो इसे तुरंत इग्नोर करें।
आंकड़े और प्रभाव वृद्धि
2025 में WhatsApp से जुड़े साइबर फ्रॉड के मामले 30% बढ़े हैं, जिसमें QR-बेस्ड स्कैम प्रमुख हैं। लाखों भारतीय यूजर्स प्रभावित, खासकर युवा जो ऑनलाइन जॉब्स की तलाश में हैं। अप्रैल 2025 में CERT-In (इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय) ने भी WhatsApp डेस्कटॉप ऐप की सिक्योरिटी होल पर अलर्ट जारी किया था, लेकिन यह QR स्पेसिफिक I4C अलर्ट से अलग है।
साइबर एक्सपर्ट्स की सलाह
हमेशा WhatsApp की ऑफिशियल हेल्प सेंटर चेक करें (faq.whatsapp.com)। अगर अकाउंट हैक हो जाए, तो तुरंत पासवर्ड रीसेट करें और सभी डिवाइस लॉगआउट करें। जागरूकता फैलाएं परिवार और दोस्तों को इस स्कैम के बारे में बताएं। यह एडवाइजरी 27 नवंबर को जारी हुई थी और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। I4C ने कहा, “थोड़ी सावधानी से बड़ा नुकसान टल सकता है।” अगर आपको कोई संदिग्ध मैसेज मिले, तो तुरंत रिपोर्ट करें। सुरक्षित रहें!