
स्पेशल डेस्क
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4-5 दिसंबर को होने वाली दो दिवसीय भारत यात्रा को लेकर राजधानी दिल्ली को अभूतपूर्व सुरक्षा कवच में लपेट दिया गया है। यात्रा के मद्देनजर दिल्ली को “किले में बदल दिया गया” है, जैसा कि आपने उल्लेख किया। यह यात्रा 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए है, जो पुतिन का 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद भारत का पहला द्विपक्षीय दौरा है। सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त है कि पुतिन के ठहरने की जगह सहित कई विवरण गोपनीय रखे गए हैं।
पुतिन और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता
पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता, रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर समझौते। रूस भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के अतिरिक्त यूनिट्स, Su-57 फाइटर जेट्स और S-500 मिसाइल डिफेंस सिस्टम बेचने की कोशिश करेगा। दोनों देश 2030 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखते हैं। रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, भले ही अमेरिका ने दबाव डाला हो।
क्या-क्या है कार्यक्रम
4 दिसंबर को पुतिन का दिल्ली आगमन। पीएम मोदी द्वारा निजी डिनर (लोक कल्याण मार्ग निवास पर)। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में सैन्य परेड, हैदराबाद हाउस में शिखर सम्मेलन, द्विपक्षीय बैठकें, स्टेट बैनक्वेट और व्यावसायिक बैठकें। विशेष बात ये है कि रूस की अग्रिम सुरक्षा टीम (50+ सदस्य) पहले ही दिल्ली पहुंच चुकी है। रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव सहित प्रतिनिधिमंडल साथ होगा।
सुरक्षा व्यवस्था में सात परतों का किला
दिल्ली पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बल (CRPF, BSF), अर्धसैनिक बलों और NSG कमांडो के साथ मिलकर बहु-स्तरीय सुरक्षा ग्रिड तैयार किया गया है। हाल ही में दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए आतंकी हमले (25 नवंबर) के बाद सतर्कता और बढ़ गई है। सुरक्षा परत
बाहरी परत (NSG कमांडो) पुतिन के विमान लैंड होते ही NSG की त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय। एंटी-ड्रोन गन्स, SWAT यूनिट्स और स्नाइपर डिटेक्टर तैनात। दूसरी परत (SPG/रूसी टीम) स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) और रूसी इंटेलिजेंस (FSB) का संयुक्त संचालन। रूट सैनिटाइजेशन (क्षेत्र की सफाई और जांच)। तीसरी-चौथी परत (दिल्ली पुलिस/केंद्रीय एजेंसियां) दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ट्रैफिक प्रबंधन, AI-आधारित निगरानी और ड्रोन जैमर संभालेंगे। RAW, IB और CRPF की टीमें।
आंतरिक परत (व्यक्तिगत सुरक्षा) पुतिन की निजी सुरक्षा टीम। सभी स्थानों (हैदराबाद हाउस, राष्ट्रपति भवन) पर निरंतर सर्विलांस। अतिरिक्त उपाय – ट्रैफिक डायवर्जन में पुतिन के रूट पर यातायात प्रतिबंधित। – गोपनीयता ठहरने की जगह (संभवतः राष्ट्रपति भवन या सुरक्षित गेस्ट हाउस) गुप्त। – सतर्कता में सभी एजेंसियों को 24×7 निगरानी का आदेश।
क्या हैं चुनौतियां
पुतिन की सुरक्षा को “मेजर चैलेंज” माना जा रहा है, क्योंकि पश्चिमी देशों (यूरोपीय संघ) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। EU के राजदूत ने कहा कि भारत को यूरोप की सुरक्षा हितों का ध्यान रखना चाहिए। फिर भी, भारत ने रूस के साथ संबंधों को मजबूत करने का फैसला किया है, जो अमेरिकी दबाव के बावजूद है। दिल्ली के प्रमुख इलाकों (इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद हाउस, राष्ट्रीय मार्ग) में भारी तैनाती। आम जनता के लिए ट्रैफिक जाम और चेकिंग बढ़ सकती है।
यह यात्रा भारत की “रणनीतिक स्वायत्तता” को रेखांकित करती है। अमेरिका ने रूसी तेल खरीद पर 50% टैरिफ लगाए, लेकिन भारत ने €2.5 अरब (अक्टूबर 2025) मूल्य का आयात जारी रखा। संभावित RELOS सैन्य लॉजिस्टिक्स समझौता (रूस को भारतीय नौसेना/वायुसेना बेस एक्सेस) पश्चिमी देशों को चिंतित कर सकता है।