
प्रकाश मेहरा
पंजाब डेस्क
चंडीगढ़ :- पंजाब की राजनीति में लंबे समय से निष्क्रिय चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की सक्रिय राजनीति में वापसी को लेकर उनकी पत्नी और पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने शनिवार (6 दिसंबर) को एक बड़ा बयान दिया है। चंडीगढ़ के लोकभवन में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में नवजोत कौर ने कांग्रेस हाईकमान को साफ शब्दों में शर्त रखी “अगर कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करती है, तो वे सक्रिय राजनीति में तुरंत वापस लौट आएंगे।” इस बयान ने पंजाब कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को और उजागर कर दिया है, साथ ही पार्टी के आंतरिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
राज्यपाल से मुलाकात और कानून-व्यवस्था पर चर्चा
नवजोत कौर सिद्धू राज्यपाल से मिलने मुख्य रूप से पंजाब में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर ज्ञापन देने गई थीं। उन्होंने राज्यपाल को राज्य में अपराध, ड्रग्स और युवाओं की बेरोजगारी जैसी समस्याओं से अवगत कराया। मुलाकात के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बात सिद्धू की राजनीतिक वापसी पर आ गई। कौर ने कहा, “सिद्धू कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। वे सिद्धांतों की राजनीति करते हैं और पंजाब को ‘स्वर्णिम राज्य’ बनाने की क्षमता रखते हैं। लेकिन अगर पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाती, तो वे अपनी मौजूदा जिंदगी में खुश हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं।”
‘500 करोड़ की अटैची’ वाला सनसनीखेज आरोप
बयान का सबसे विवादास्पद हिस्सा तब आया जब नवजोत कौर ने पंजाब की राजनीति में पैसे के दबदबे पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “हम पंजाब और पंजाबियत की बात करते हैं, लेकिन हमारे पास 500 करोड़ रुपये की अटैची नहीं है, जो किसी पार्टी को देकर मुख्यमंत्री की कुर्सी खरीदी जाए। आज वही सीएम बनता है जो 500 करोड़ की अटैची देता है। हमने कभी पैसे की राजनीति नहीं की।”
यह बयान बिना नाम लिए कांग्रेस के पंजाब नेतृत्व पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाता नजर आता है। कौर ने आगे कहा कि जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी ने उनसे पैसे मांगे, तो उन्होंने जवाब दिया, “हमसे किसी ने नहीं मांगा, लेकिन राजनीति में ऐसे ही होता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिद्धू टीवी शो और अन्य कामों से अच्छी कमाई कर रहे हैं, इसलिए बिना सम्मानजनक भूमिका के राजनीति में लौटने का कोई इरादा नहीं है।
पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी ‘5 सीएम फेस पहले से मौजूद
‘नवजोत कौर ने पंजाब कांग्रेस की आंतरिक कलह पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया, “पार्टी में पहले से ही 5 नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार घूम रहे हैं। वे सिद्धू को आगे बढ़ने नहीं देंगे और कांग्रेस को हराने में लगे हुए हैं।”
यह बयान 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में सत्ता की होड़ को उजागर करता है, जहां सिद्धू जैसे बड़े चेहरे की अनदेखी हो रही है। कौर ने कहा कि सिद्धू पंजाब को सुधारने की ताकत चाहते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में यह संभव नहीं लग रहा। बीजेपी में वापसी के सवाल पर सतर्क जवाब जब पत्रकारों ने पूछा कि “अगर बीजेपी सिद्धू को बड़ा पद या सीएम चेहरा बनाने का प्रस्ताव देती है, तो क्या वे वापस बीजेपी में लौटेंगे (जिससे वे 2019 में कांग्रेस में आए थे), तो नवजोत कौर ने सतर्कता बरती। उन्होंने कहा, “मैं उनके बारे में इस पर कुछ टिप्पणी नहीं कर सकती। यह सिद्धू ही तय करेंगे।” यह जवाब सिद्धू की वफादारी को कांग्रेस की ओर झुकाए रखते हुए अन्य विकल्पों को खुला छोड़ता है।
2027 चुनावों से पहले हलचल
सिद्धू 2021-22 में पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे, लेकिन आंतरिक कलह के कारण इस्तीफा दे दिया था। 2022 विधानसभा चुनावों में उनकी अनुपस्थिति ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया था। अब 2027 चुनावों से ठीक पहले यह बयान हाईकमान के लिए चुनौती है। सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज है, जहां कई यूजर्स इसे कांग्रेस की ‘सौदेबाजी वाली राजनीति’ का सबूत बता रहे हैं।
नवजोत कौर सिद्धू का बयान
CM चेहरा घोषित करने पर सिद्धू लौटेंगे। हाईकमान पर दबाव, गुटबाजी उजाग। पैसे का आरोप। 500 करोड़ की अटैची से CM बनता है भ्रष्टाचार के दावे, विवादास्पद। यह बयान पंजाब कांग्रेस को एकजुट करने के बजाय और बांट सकता है। हाईकमान की प्रतिक्रिया का इंतजार है, लेकिन सिद्धू का ‘कमबैक’ अब सीधे पार्टी की रणनीति पर निर्भर करता नजर आ रहा है।