
दिल्ली डेस्क
नई दिल्ली:- 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ महारैली का आयोजन किया। यह रैली मुख्य रूप से चुनावी अनियमितताओं, स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के आरोपों के खिलाफ थी। कांग्रेस ने सरकार और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाया, जिसमें हरियाणा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के चुनावों में अनियमितताएं बताई गईं। पार्टी ने देशभर से करीब 5.5 करोड़ हस्ताक्षर इकट्ठा किए, जिन्हें राष्ट्रपति को सौंपने की योजना थी। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, सचिन पायलट समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
राहुल गांधी का भाषण
राहुल गांधी ने रैली में जोरदार हमला बोला और संसद में हुई बहस का जिक्र करते हुए कहा:”मेरे सवालों पर संसद में अमित शाह कांप रहे थे। उनके हाथ कांप रहे थे।” उन्होंने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे घबराए हुए थे, सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया और गलत जानकारी दी। राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर तीखा प्रहार किया, चुनाव आयोग को बीजेपी के लिए काम करने वाला बताया और कहा कि वोट जनता की ताकत है, जिसे चोरी करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने चुनौती दी कि वे सबूतों के साथ खड़े हैं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
यह बयान संसद के शीतकालीन सत्र (10-11 दिसंबर) में चुनाव सुधारों पर हुई बहस से जुड़ा है, जहां राहुल गांधी और अमित शाह के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। राहुल ने अमित शाह को खुली बहस की चुनौती दी थी, जिस पर शाह ने कड़ा जवाब दिया। राहुल ने बाद में मीडिया में कहा था कि शाह घबराए हुए थे और उनके हाथ कांप रहे थे। रैली में उन्होंने इसी को दोहराते हुए हुंकार भरी।
बीजेपी ने दिया जवाब !
बीजेपी ने रैली को नाटक बताया और कहा कि “संसद में अमित शाह ने कांग्रेस के सभी आरोपों का पॉइंट खंडन किया। संबित पात्रा जैसे नेताओं ने इसे घुसपैठियों को बचाने की कोशिश करार दिया। यह रैली कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ अभियान का हिस्सा थी, जिसमें विपक्ष सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है। रैली में लाखों कार्यकर्ताओं के जुटने का दावा किया गया।