
सरल डेस्क
लखनऊ में एक भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया। वे निवर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की जगह लेंगे। यह नियुक्ति निर्विरोध हुई, क्योंकि नामांकन प्रक्रिया में केवल पंकज चौधरी ने ही पर्चा दाखिल किया था। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ।
शुरुआत स्वस्ति वाचन, शंखनाद और डमरू वादन से हुई, जिससे पूरा वातावरण उत्सवी और पारंपरिक हो गया। पार्टी दफ्तर और कार्यक्रम स्थल इन ध्वनियों से गूंज उठा। निवर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पार्टी का झंडा नए अध्यक्ष पंकज चौधरी को सौंपा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (चुनाव प्रभारी) ने औपचारिक घोषणा की। राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
पंकज चौधरी इकलौते उम्मीदवार
13 दिसंबर को लखनऊ BJP मुख्यालय में नामांकन हुआ। पंकज चौधरी इकलौते उम्मीदवार थे। सीएम योगी खुद उनके प्रस्तावक बने, साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्री और अन्य 10 नेताओं ने प्रस्ताव रखा। किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया, इसलिए निर्विरोध चयन तय था।
पंकज चौधरी महराजगंज से 7 बार लोकसभा सांसद। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (मोदी सरकार में दूसरी बार)। कुर्मी (OBC) समुदाय से, पूर्वांचल में मजबूत पकड़। राजनीति की शुरुआत गोरखपुर नगर निगम पार्षद से, फिर डिप्टी मेयर बने। BJP में कुर्मी समाज के चौथे प्रदेश अध्यक्ष (पहले: विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह, स्वतंत्र देव सिंह)। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी
यह नियुक्ति 2026 पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से अहम है। BJP की OBC (खासकर नॉन-यादव) वोटों को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा। पूर्वांचल में संगठन को मजबूती और कुर्मी वोट बैंक को साधने का प्रयास। पार्टी ने साथ ही राज्य से राष्ट्रीय परिषद के 120 सदस्यों का भी निर्वाचन पूरा किया।
यह नियुक्ति BJP के संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया (‘संगठन पर्व’) का हिस्सा थी, जो लोकतांत्रिक और उत्सवी अंदाज में पूरी हुई। पंकज चौधरी अब यूपी BJP की कमान संभालेंगे और आगामी चुनावों में पार्टी को एकजुट रखने की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी।