
स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली:- नेशनल हेराल्ड केस में आज (16 दिसंबर) दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गांधी परिवार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दाखिल की गई चार्जशीट (प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट) पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। इससे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत चल रही कार्यवाही फिलहाल रुक गई है।
नेशनल हेराल्ड केस की शुरुआत 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत से हुई थी। उनमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YI) के जरिए हड़प लिया, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रमुख शेयर धारक हैं। ED ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और अप्रैल 2025 में चार्जशीट दाखिल की। ED का दावा है कि इसमें 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों का दुरुपयोग हुआ। हाल ही में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने ED की शिकायत पर नई FIR दर्ज की है।
कोर्ट के फैसले का असर क्या है ?
स्पेशल जज विशाल गोगने ने ED की चार्जशीट को “मेंटेनेबल नहीं” बताया। मुख्य वजह यह है कि PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस चलाने के लिए “प्रेडिकेट ऑफेंस” (मूल अपराध) की FIR जरूरी होती है। यहां ED का केस स्वामी की निजी शिकायत और मजिस्ट्रेट के समन ऑर्डर पर आधारित था, न कि किसी FIR पर। कोर्ट ने कहा कि बिना FIR के मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकती।
यह फैसला तकनीकी आधार पर है, मामले के मेरिट (सबूतों की मजबूती) पर कोई टिप्पणी नहीं की गई। गांधी परिवार को तत्काल राहत मिली है – उन्हें समन नहीं भेजा जाएगा, चार्ज फ्रेम नहीं होंगे और ट्रायल नहीं शुरू होगा। हालांकि, यह स्थायी छूट नहीं है; ED जांच जारी रख सकता है।
ED के लिए आगे क्या ?
ED सूत्रों के अनुसार, यह सिर्फ तकनीकी झटका है। एजेंसी दिल्ली पुलिस की नई FIR के आधार पर जांच जारी रखेगी और जरूरत पड़ने पर नई चार्जशीट दाखिल कर सकती है। ED कोर्ट के इस ऑर्डर के खिलाफ अपील भी दायर करने की तैयारी कर रहा है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ED जांच जारी रख सकता है।
कांग्रेस और बीजेपी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इसे “सत्य की जीत” बताया। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार की दुरभि संधि और ED की अवैध कार्यवाही उजागर हो गई। कोई मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हुई, न क्राइम की रकम और न संपत्ति का हस्तांतरण – पूरा केस राजनीतिक बदले की कार्रवाई था। पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया। कहा कि कानून अपना काम करेगा और कांग्रेस को लूट का हिसाब देना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि स्वामी की शिकायत 2008 की है, जब मोदी सरकार नहीं थी।
यह फैसला गांधी परिवार के लिए बड़ी कानूनी राहत है, लेकिन मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। दिल्ली पुलिस की FIR से जांच आगे बढ़ सकती है और ED नया केस बना सकता है। कोर्ट ने मेरिट पर कोई फैसला नहीं दिया, सिर्फ प्रक्रियात्मक खामी पर केस रोका है। आने वाले दिनों में ED की अपील या नई चार्जशीट पर निर्भर करेगा कि मामला आगे बढ़ता है या नहीं।