6 सितंबर यानी आज शुक्रवार को है हरतलिका तीज। कहते हैं हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का बहुत ही अधिक महत्व माना जाता है,हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक वर्ष भाद्रपद माह के शुल्क पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है।आपको बता दें इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धा पूर्वक विवाहित महिलाएं व्रत करके पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए पहली बार हरतलिक तीज का व्रत किया था। अब आपको बताते है हरतालिका तीज व्रत का महत्व, तिथि, पूजा , विधि और शुभ मुहूर्त।

हरतालिका तीज व्रत की तिथि
मान्यताओं वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष हरतालिका तीज की तिथि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो जाएगा और इस तिथि का समापन 6 सितंबर को 3 बजकर 1 मिनट पर होगा। इस तरह से उद्यतिथि के आधार पर हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर रखा जाएगा।
हरतालिका तीज के शुभ योग।
आपको बता दें इस वर्ष हरतालिका तीज का बहुत अच्छा शुभ योग बन रहा है।पंचांग के अनुसार 6 सितंबर को हरतालीका तीज पर रवि और शुक्र योग के साथ चित्रा नक्षत्र का योग भी बन रहा है।
हरतालिका तीज व्रत का पूजा मुहूर्त।
हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा रहती है।इस पूजा को सुबह ही करना चाहिए परंतु शिव पार्वती के पूजा के लिए प्रदोष काल मुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद का जो समय होता है। उसे प्रदोष काल कहा जाता है। 6 सितंबर को सुबह पूजा पाठ का मुहूर्त 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा, वहीं आपको बता दें प्रदोष काल 6 सितंबर को शाम 6 बजकर 36 मिनट से पूजा का मुहूर्त आरंभ हो जायेगा।
हरतालिका तीज व्रत पूजा सामग्री।
–भगवान श्री माता पार्वती और भगवान श्री गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा।
–पीले रंग के वस्त्र।
–जनेऊ,सुपारी,बेलपत्र,कलश, अक्षत, दूर्वा,घी,दही और गंगाजल।
–माता पार्वती के लिए श्रंगार के लिए सिंदूर, बिंदी,चूड़ी,मेंहदी ,कुमकुम और कंघा।
हरतालिका तीज व्रत का पूजा विधि।
हरतालिका तीज व्रत पूजा के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान श्री गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा को अपने हाथो से बनाए। उसके बाद पूजा की जगह को पुलों से सजा ले और पूजा की जगह पर एक चौकी रखे और उस चौकी पर केले के पत्ते रख कर भगवान शिव माता पार्वती और भगवान श्री गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें उसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव माता पार्वती और भगवान श्री गणेश जी का पूजा शुरू करें सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परम्परा है। इस पूजा में भगवान शिव को धोती अंगौछा चढ़ाया जाता है। उसके बाद सुहाग के सामग्री को सास के चरण से स्पर्श करके दान करें।
मनोकामना के लिए उपाय।
हरतालिका तीज व्रत में स्त्रियां व कन्याएं पूरा श्रंगार करके ही पूजा करें तथा भगवान शिव को पीले वस्त्र और पीले फूल चढ़ाएं। वहीं माता पार्वती को साड़ी व श्रंगार का सामना चढ़ाएं। विवाहित महिलाएं माता पार्वती को विशेष रूप से बिछिया जरूर चढ़ाएं उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्राथना करे सच्चे दिल से।