Written by- Sakshi Srivastava
दिल्ली और उत्तर भारत में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के कई इलाकों में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब हो गई है। कई स्थानों पर हवा की गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के करीब पहुंच गया है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि बाहर निकलने से स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।
स्मॉग की घनी परत ने कई इलाकों में दृश्यता को भी कम कर दिया है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, और खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को खतरा बढ़ गया है। मौसम में बदलाव और पराली जलाने के कारण प्रदूषण की स्थिति और भी बिगड़ गई है।
इन 10 इलाकों में AQI 500 तक पहुंच चुका है:
- आनंद विहार
- द्वारका
- रोहिणी
- पंजाबी बाग
- वजीरपुर
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद
- नोएडा
- ग्रेटर नोएडा
- इंदिरापुरम
विभिन्न विशेषज्ञों का कहना है कि इस हालत को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। वहीं, लोगों से अपील की जा रही है कि वे बाहर न जाएं, खासकर उस समय जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक हो। मास्क पहनना और घर में रहना बेहतर रहेगा। दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे के कारण प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ गया है, जिससे दृश्यता कम हो गई है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। आईजीआई एयरपोर्ट पर सुबह 5:45 बजे कोहरे के असर से हवाई ट्रैफिक पर भी असर पड़ सकता है। मौसम विभाग ने बताया है कि कोहरे का असर न केवल दिल्ली-एनसीआर, बल्कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और पाकिस्तान के बड़े हिस्से में भी दिखाई दे रहा है।
किस क्लास तक के स्कूल बंद।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 5वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह फैसला प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए लिया गया है, ताकि बच्चों को हवा में मौजूद हानिकारक प्रदूषकों से बचाया जा सके। स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।
इसके अलावा, स्कूलों ने सभी बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने पर भी विचार किया है, ताकि प्रदूषण के कारण किसी प्रकार का शैक्षिक नुकसान न हो। स्कूलों ने बच्चों और उनके अभिभावकों को एडवायजरी जारी की है, जिसमें मास्क पहनकर बाहर निकलने की सलाह दी गई है। इस कदम से बच्चों की सेहत को सुरक्षित रखते हुए उनकी पढ़ाई में व्यवधान नहीं आने की कोशिश की जा रही है।
इसके साथ ही यमुना नदी भी प्रदूषण से प्रभावित है। कालिंदी कुंज क्षेत्र में यमुना की सतह पर जहरीला झाग तैरता हुआ देखा गया, जो नदियों के जल और पर्यावरण के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय संकट को उजागर करती है, बल्कि शहरवासियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डाल सकती है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस स्थिति से बचा जा सके और लोगों की सेहत पर कम से कम असर हो।