Written by- Sakshi Srivastava
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे विवादित नारे का बचाव करते हुए कहा कि यह नारा किसी विशेष समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ नहीं था। उन्होंने दावा किया कि यह नारा राज्य के अखंडता और एकता को बनाए रखने के लिए था।
फडणवीस ने अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि अजित पवार, जो पहले कांग्रेस-राष्ट्रवादी गठबंधन में थे, अब हिंदू विरोधी पार्टियों के साथ आ गए हैं। उनका यह बयान उस समय आया जब महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी और कई नेताओं के गठबंधन और उनकी योजनाओं पर सवाल उठ रहे थे।
फडणवीस ने यह भी कहा कि उनका नारा केवल महाराष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए था, और यह राजनीतिक स्थिति को देखते हुए किसी भी पार्टी या समुदाय को निशाना नहीं बना रहा था। “बंटेंगे तो कटेंगे” नारा, उनके अनुसार, उन तत्वों के खिलाफ था जो राज्य की एकता में दरार डालने की कोशिश कर रहे थे।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बटेंगे तो कटेंगे” के नारे का समर्थन किया है, जो यूपी में हाल ही में दिए गए उनके बयान से जुड़ा हुआ है। फडणवीस ने इसे सही ठहराते हुए कहा कि यह नारा प्रदेश के विकास और उसकी सुरक्षा से संबंधित है।
इसके अलावा, फडणवीस ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि उनका जो कथित “सेक्युलरिज्म” है, वह सिर्फ हिंदू विरोधी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष हिंदू धर्म के प्रति अपनी असहमति को सेक्युलरिज्म के रूप में पेश करता है, जबकि यह केवल एक राजनीतिक खेल है।
अजित पवार के बारे में बात करते हुए, फडणवीस ने कहा कि पवार लंबे समय तक उन पार्टियों के साथ रहे हैं जिनकी विचारधारा हिंदू विरोधी रही है, इसलिए उन्हें अपने विचार बदलने में थोड़ा वक्त लगेगा। इस बयान के जरिए फडणवीस ने पवार के हालिया राजनीतिक रुख में बदलाव की ओर इशारा किया, जो महा विकास आघाड़ी (MVA) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन की ओर बढ़ा है।
एनसीपी के नेता अजित पवार ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बंटेंगे तो कटेंगे” के नारे का विरोध करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में ऐसे विवादास्पद और उत्तेजक नारों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने इस बयान को महाराष्ट्र की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के अनुकूल नहीं बताया।
इस पर देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि अजित पवार ने कई दशकों तक ऐसी पार्टियों के साथ रहकर कार्य किया है जो खुद को “सेक्युलर” बताती हैं, और जिनकी विचारधारा हिंदुत्व के खिलाफ रही है। फडणवीस ने यह भी कहा कि पवार को इन नारों और उनकी पृष्ठभूमि को समझने में थोड़ा वक्त लगेगा, क्योंकि वे लंबे समय तक ऐसे राजनीतिक माहौल में रहे हैं जहां हिंदुत्व के मुद्दे को नजरअंदाज किया जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राहुल गांधी पर तंज कसा था, जब उन्होंने पूछा था कि राहुल गांधी बाला साहेब ठाकरे को “हिंदू हृदय सम्राट” कहेंगे या नहीं। इस पर जब देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने बाला साहेब ठाकरे के नाम पर जितनी भी विकास परियोजनाओं का नामकरण किया है, उन्हें केवल “बाला साहेब ठाकरे” नहीं, बल्कि “हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे” के नाम से नामित किया गया है। फडणवीस ने यह सवाल उठाया कि अगर बाला साहेब ठाकरे के नाम के साथ “हिंदू हृदय सम्राट” जुड़ा हुआ है, तो उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी बाला साहेब को इस उपाधि से क्यों नहीं संबोधित करते हैं?
फडणवीस ने उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी पर तंज कसा, कहकर कि राहुल गांधी को तो छोड़िए, खुद उद्धव ठाकरे की पार्टी ने भी बाला साहेब ठाकरे को “हिंदू हृदय सम्राट” कहने से परहेज करना शुरू कर दिया है और उन्हें सिर्फ “शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे” कहकर संबोधित करती है। फडणवीस का यह बयान शिवसेना और उसके नेताओं की बाला साहेब ठाकरे के प्रति श्रद्धा और उनका राजनीतिक रुख पर सवाल उठाने के रूप में था।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “बटेंगे तो कटेंगे” के नारे का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें इस नारे में कोई खामी नहीं दिखती। उन्होंने इस नारे का समर्थन करते हुए कहा कि इतिहास से यह साफ है कि जब भी इस देश में जाति, प्रांत या समुदाय के आधार पर बंटवारा हुआ है, तब भारत गुलाम बना है।
फडणवीस ने यह तर्क देते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ का यह बयान देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए था। उन्होंने यह भी कहा कि देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने के लिए सभी को एकजुट रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के विभाजन से बचना चाहिए। फडणवीस के मुताबिक, यह नारा इस बात की चेतावनी है कि अगर समाज में बंटवारा हुआ, तो देश को नुकसान हो सकता है।
जब देवेंद्र फडणवीस से महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर स्पष्ट रूप से कहा कि इस बारे में अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हम महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे। नतीजों के बाद सभी सहयोगी पार्टियां मिलकर बैठेंगी और सीएम पद पर फैसला करेंगी। मैं इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हूं और हमारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष इस पर निर्णय लेंगे। मैं इस खेल का हिस्सा नहीं हूं।”
फडणवीस ने अपनी बात में यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद के सवाल पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है और पार्टी स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले में वह व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे, बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व इस पर अंतिम निर्णय लेंगे।
यह बयान राज्य में बढ़ते राजनीतिक विवादों और पार्टियों के बीच की दूरियों के बीच आया है, जहां सत्ताधारी दल और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।