Written by- Sakshi Srivastava
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि “समय बदल गया है, अब आतंकी अपने घरों में भी डरते हैं।” उनका यह बयान सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार की सख्त नीति को लेकर था। मोदी ने यह टिप्पणी एक ऐसे समय में की जब सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े कदमों को फिर से मजबूत किया है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राजनैतिक दल आतंकवादियों के खिलाफ उठाए गए कदमों का विरोध करते हैं, जबकि अब आतंकवादी खुद डरते हैं, क्योंकि उनकी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। मोदी ने अपने बयान के माध्यम से देश की सुरक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई को सही ठहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन देश में आतंकवाद के खिलाफ उनकी सरकार की कठोर नीतियों और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है। उनका कहना है कि अब आतंकवादी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं, जबकि पहले आतंकवादियों के कारण आम जनता असुरक्षित महसूस करती थी। उनका यह तर्क पूर्ववर्ती सरकारों के रवैये के विपरीत है, जिन्होंने आतंकवाद को लेकर ढिलाई बरती और वोटबैंक की राजनीति की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में यह भी कहा कि उनकी सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति को नकारा है और अब लोगों का विश्वास सरकार पर बना है।
इस प्रकार के बयान विपक्षी दलों को आलोचना का विषय बन सकते हैं, क्योंकि यह आरोप है कि वे सुरक्षा के मुद्दे पर सही कदम नहीं उठा पाए, जबकि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने केवल वोटबैंक की राजनीति की, जबकि उनकी सरकार का उद्देश्य जनता का विश्वास पुनः बहाल करना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार का मंत्र “जनता की सरकार, जनता के लिए” है, और यही कारण है कि उनकी नीतियों में लोगों की आकांक्षाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के बदलते संदर्भ में यह भी बताया कि देश अब अभूतपूर्व आकांक्षाओं से भरा हुआ है, और उनकी सरकार इन आकांक्षाओं को अपने नीति निर्माण का आधार बना रही है। उदाहरण स्वरूप, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में 70 सालों से भी अधिक गैस कनेक्शन दिए हैं, जो कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और विकास के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद की सरकारों ने देशवासियों में वह उत्साह और जोखिम लेने की क्षमता उत्पन्न नहीं की, जो एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए जरूरी था। उनका यह बयान विशेष रूप से युवाओं की भूमिका को लेकर था, जहां उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने देश के युवाओं में जोखिम लेने की क्षमता और आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया है। इसका परिणाम यह है कि आज भारत में 1.25 लाख से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप्स हैं, जो यह दर्शाता है कि युवा अब अपने उद्यमिता कौशल के माध्यम से देश को गर्वित करने के लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की स्वच्छता नीति की भी सराहना की, जिसमें खासकर “स्वच्छ भारत अभियान” के तहत शौचालय निर्माण को एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में पेश किया। उनका कहना था कि इस योजना ने न सिर्फ देश में स्वच्छता को बढ़ावा दिया, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए। शौचालय निर्माण और सफाई अभियानों ने बड़ी संख्या में श्रमिकों को रोजगार दिया, जिससे सामाजिक और आर्थिक दोनों ही मोर्चों पर सकारात्मक बदलाव आया।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान देश में युवा उद्यमिता और स्वच्छता अभियान की सफलता को प्रमुख उदाहरण के रूप में पेश किया, यह दिखाने की कोशिश की कि उनकी सरकार ने विकास और रोजगार सृजन के साथ-साथ राष्ट्रीय आत्मविश्वास को भी मजबूत किया है।