
एक देश एक चुनाव के लिए लगातार संसद भवन में बहस सांसदों के बीच चल रहा है मंगलवार को भी एक देश एक चुनाव के लिए सरकार संसद में संविधान विधेयक 2024 लेकर आई है। लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल पेश किया है उनका यह बिल पेश करते ही लोकसभा में जोरदार हंगामा भी हुआ और डिवीजन तक बात पहुंच गई इसके बाद यह बिल सदन में पेश हो सका एक देश एक चुनाव पर राजनीतिक दलों के सूर्य अलग-अलग सुनाई दिए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल सदर में पेश करने का प्रस्ताव किया कांग्रेस से लेकर तमाम विरोधी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया शिवसेना और तेलुगू देशम पार्टी तड़प जैसे एनडीए के घटक दल खुलकर बिल के पक्ष में खड़े नजर आए या बिल डिवीजन के बाद पेश हुआ है और इसके बाद जेपीसी को भेज दिया गया लेकिन उससे पहले किस पार्टी का यह स्टैंड रहा इस पर भी नजर डालते हैं।जहां इस बिल का कांग्रेस के द्वारा लगातार विरोध करना इस बिल के खिलाफ दिखता है तो वहीं लोकसभा में विपक्ष के उप नेतागौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग के इतने अधिकार दिए गए हैं कि कैसे सुपरवाइज करना है कैसे मतदाता सूची बननी है राष्ट्रपति कभी भी परामर्श लेते हैं तो वह कैबिनेट से परामर्श लेते हैं और कभी-कभी गवर्नर से इस बिल में चुनाव आयोग से परामर्श की बात है जो आज संवैधानिक है उन्होंने कहा कि पहली बार यह ऐसा कानून लेकर आए हैं कि राष्ट्रपति चुनाव आयोग से भी परामर्श लेंगे इसका हम विरोध करते हैं। हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी भी इस बिल का विरोध करते हुए साफ तौर पर दिखाई दिया लेकिन अब देखना होगा कि आखिरकार 1 नेशन वन इलेक्शन के बल पर पूर्ण रूप से मुहर कब लगती है।
