भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत अब AC का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस निर्धारित किया जाएगा। इसका उद्देश्य ऊर्जा की बचत करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय ऊर्जा और शहरी मामलों के मंत्री, मनोहर लाल खट्टर ने इस पहल की घोषणा की है। इस नियम के तहत AC को 20 डिग्री सेल्सियस से कम और 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर चलाना संभव नहीं होगा। यह कदम ऊर्जा की अत्यधिक खपत को रोकने और बिजली की मांग को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। अक्सर लोग अपने AC को 16-18 डिग्री सेल्सियस पर सेट करते हैं, लेकिन यह आदत कई कारणों से हानिकारक हो सकती है।
न्यूनतम तापमान पर AC चलाने से बिजली की खपत में वृद्धि होती है। बहुत ठंडे वातावरण में रहने से सर्दी, खांसी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। वही बहुत कम तापमान पर AC का कंप्रेसर अधिक दबाव में काम करता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
इस नए नियम के लागू होने से अनुमानित रूप से अगले तीन वर्षों में उपभोक्ताओं को लगभग ₹18,000 से ₹20,000 करोड़ की बचत हो सकती है। इसके अलावा, यह कदम कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा संरक्षण में भी सहायक होगा। नए नियम के तहत, उपभोक्ताओं को AC का उपयोग 20 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच करना होगा। यह कदम न केवल ऊर्जा की बचत करेगा,बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान देगा। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे AC का उपयोग जिम्मेदारी से करें और निर्धारित तापमान सीमा का पालन करें।
