
प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध धर्मांतरण के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों ने 22 बैंक खातों में 60 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त की, जिसमें विदेशों से बड़ी मात्रा में फंडिंग शामिल थी। यह कार्रवाई अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े नेटवर्क के खुलासे के बाद शुरू हुई।
छापेमारी और जब्ती
ईडी ने 17 जुलाई, 2025 को बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में छांगुर बाबा से जुड़े 15 ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें बलरामपुर के उतरौला में 12 और मुंबई में 2 ठिकाने शामिल थे। छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, नकदी और सोना बरामद किया गया, जो कथित तौर पर अपराध की आय (Proceeds of Crime) से खरीदे गए थे। दस्तावेजों से पता चला कि छांगुर बाबा ने अपने सहयोगियों, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा (उर्फ नसरीन) के नाम पर कई अचल संपत्तियां खरीदीं, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी छिपाई जा सके।
कितनी है विदेशी फंडिंग
जांच में पाया गया कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों ने पश्चिम एशिया (सऊदी अरब, दुबई) और नेपाल से हवाला के जरिए भारी मात्रा में धन प्राप्त किया। कुछ स्रोतों के अनुसार, 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग का पता चला है, जिसमें से 60 करोड़ रुपये की पुष्टि 22 खातों में हुई। तीन महीनों में लगभग 7 करोड़ रुपये विदेशी चैनलों के माध्यम से आए। दुबई की दो कंपनियों, M/s Krishna International FZE और M/s United Marine FZE, के साथ वित्तीय लेनदेन का पता चला, जो मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका को मजबूत करता है।
अवैध धर्मांतरण नेटवर्क
छांगुर बाबा पर आरोप है कि उन्होंने चांद औलिया दरगाह, बलरामपुर को केंद्र बनाकर बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण का नेटवर्क चलाया। इसमें विशेष रूप से अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया। उत्तर प्रदेश एटीएस की FIR के अनुसार, छांगुर बाबा ने मनोवैज्ञानिक हेरफेर, धार्मिक प्रवचनों और किताब ‘शिजरा-ए-तय्यबा’ के जरिए लोगों को प्रभावित किया। उनके नेटवर्क में 3,000 से अधिक अनुयायी थे, और वे भारतीय और विदेशी नागरिकों के साथ बड़े धार्मिक आयोजन करते थे।prokerala.com
संपत्ति और अवैध निर्माण
छांगुर बाबा ने बलरामपुर, पुणे, और मुंबई (वसई सहित) में करोड़ों रुपये की संपत्तियां अर्जित कीं, जिनमें से कई उनके सहयोगियों के नाम पर थीं। इनमें आवासीय, वाणिज्यिक और संस्थागत संपत्तियां शामिल हैं, जो बिना उचित अनुमति के बनाई गई थीं। बलरामपुर में उनकी 3 बीघा की एक संपत्ति, जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये थी, को अवैध निर्माण के कारण जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया।मुंबई में शहजाद शेख के खाते में 2 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला, जो नवीन रोहरा से स्थानांतरित किए गए थे।
क्या हुई कानूनी कार्रवाई
ईडी ने 9 जुलाई, 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक Enforcement Case Information Report (ECIR) दर्ज किया। छांगुर बाबा, उनके बेटे मेहबूब, और सहयोगी नवीन रोहरा और नीतू रोहरा को उत्तर प्रदेश एटीएस ने 5 जुलाई, 2025 को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छांगुर बाबा की गतिविधियों को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया।
छांगुर बाबा ने विदेशी पालतू जानवरों, जैसे उच्च नस्ल के घोड़े और कुत्ते, पर लाखों रुपये खर्च किए। एक रेड डायरी में कई राजनीतिक हस्तियों के नाम और भुगतान का विवरण मिला, जो जांच का हिस्सा है। जांच में यह भी संदेह है कि छांगुर बाबा ने ISI से संबंध रखे और नेपाल के रास्ते फंडिंग प्राप्त की।
क्या है वर्तमान स्थिति
ईडी अब छांगुर बाबा की हिरासत की मांग कर रही है ताकि विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।बलरामपुर जिला प्रशासन ने अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी रखी है, जिसमें छांगुर बाबा का उतरौला में एक मकान और एक अवैध अस्पताल शामिल है। जांच अभी जारी है, और ईडी अन्य बैंक खातों और विदेशी लेनदेन की गहराई से जांच कर रही है।
छांगुर बाबा के खिलाफ ईडी की कार्रवाई ने एक जटिल मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसमें विदेशी फंडिंग और बेनामी संपत्तियों का उपयोग शामिल है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरे के रूप में देखा जा रहा है। आगे की जांच से और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।