
स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निवीरों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत पूर्व अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) में 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। यह फैसला 3 जून 2025 को लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया। इसके साथ ही, अग्निवीरों को भर्ती में आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट भी दी जाएगी। यह निर्णय अग्निवीरों को सेना में चार साल की सेवा के बाद रोजगार के अवसर प्रदान करने और उनके पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
20% क्षैतिज आरक्षण !
उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल, पीएसी, घुड़सवार पुलिस, और फायरमैन जैसे पदों पर सीधी भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 20% क्षैतिज आरक्षण लागू होगा। यह आरक्षण सभी श्रेणियों (सामान्य, एससी, एसटी, और ओबीसी) में लागू होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से है, तो उसे एससी कोटे के भीतर 20% आरक्षण का लाभ मिलेगा। अग्निवीरों को भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी, जैसा कि पूर्व सैनिकों को दी जाती है। यह छूट उनकी सेवा अवधि को आयु से घटाकर लागू होगी।
अग्निपथ योजना के तहत पहला बैच 2026-27 में अपनी चार साल की सेवा पूरी करेगा। इसके बाद, जो अग्निवीर सेना में स्थायी नहीं होंगे, वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। अनुमान है कि करीब 1 लाख अग्निवीरों में से 25% (लगभग 25,000) को सेना में स्थायी नियुक्ति मिलेगी, जबकि शेष 75% नागरिक सेवाओं में अवसर तलाशेंगे।
भर्ती के लिए कौन से पद !
इस नीति के तहत, यूपी पुलिस में विभिन्न पदों जैसे कांस्टेबल (नागरिक पुलिस), पीएसी, घुड़सवार पुलिस, और फायरमैन में 20% पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे। जल्द होने वाली भर्तियों में शामिल कुछ पद पीएसी के 9,837 पद, महिला पीएसी के 2,282 पद, नागरिक पुलिस के 3,245 पद, सशस्त्र पुलिस के 2,444 पद, और घुड़सवार पुलिस के 71 पद।
सीएम योगी का बड़ा बयान
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “यह निर्णय अग्निवीरों के सम्मानजनक समायोजन के लिए लिया गया है। उन्होंने इसे देश का पहला ऐसा कदम बताया, जिसमें किसी राज्य ने अग्निवीरों को 20% आरक्षण देने का फैसला किया है। कारगिल विजय दिवस 2025 के अवसर पर, सीएम योगी ने भारतीय सेना की वीरता, विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए इस फैसले को अग्निवीरों के लिए एक तोहफा बताया।
उत्तर प्रदेश यह 20% आरक्षण देने वाला पहला राज्य है। अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, मध्य प्रदेश, और सिक्किम ने अग्निवीरों को 10-20% आरक्षण देने की घोषणा की है, जबकि केंद्रीय सशस्त्र बलों में 10% आरक्षण का प्रावधान है।
फैसले का महत्व रोजगार के अवसर
यह नीति अग्निवीरों को सेना की सेवा के बाद स्थायी करियर बनाने में मदद करेगी। इससे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं को पुलिस बल में शामिल करने का मौका मिलेगा। प्रशिक्षित अग्निवीरों की भर्ती से यूपी पुलिस और पीएसी को अनुभवी और कार्यकुशल बल मिलेगा, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
विपक्षी दल, जैसे सपा और कांग्रेस, अग्निपथ योजना की आलोचना करते रहे हैं। इस फैसले को योगी सरकार ने उनके आरोपों का जवाब माना है, क्योंकि यह अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक कदम है।
अग्निपथ योजना का परिचय
केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसके तहत युवाओं को सेना में चार साल के लिए भर्ती किया जाता है, जिसमें छह महीने की प्रशिक्षण अवधि शामिल है। चार साल बाद, 25% अग्निवीरों को स्थायी नौकरी का मौका मिलता है, जबकि शेष 75% समाज की मुख्यधारा में लौटते हैं। यूपी सरकार का यह कदम इन 75% अग्निवीरों के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
3 जून की कैबिनेट बैठक में अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए, जैसे:नोएडा में हल्दीराम स्नैक्स की 662 करोड़ रुपये की निवेश परियोजना को मंजूरी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट नीति को स्वीकृति, जिसमें 1-6 कमरों वाले आवास को होम स्टे में बदला जा सकेगा। अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान।
योगी सरकार का यह फैसला अग्निवीरों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, जो न केवल उनके भविष्य को सुरक्षित करेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल को भी मजबूत बनाएगा। यह नीति 2026 में पहला बैच रिटायर होने के बाद प्रभावी होगी और यूपी को अग्निवीरों के लिए 20% आरक्षण देने वाला पहला राज्य बनाएगी।